Raipur News: दिव्य दरबार में छलका दर्द! अचानक क्यों रो पड़े बागेश्वर धाम सरकार? शिष्य ने बताई ये अहम वजह
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित दिव्य दरबार में बागेश्वर धाम सरकार अचानक रो पड़े. आवाज में पीड़ा साफ-साफ झलकने लगी. जानें आखिर क्या है इसके पीछे की वजह?
Bageshwar Dham Sarkar News: बागेश्वर धाम सरकार की रामकथा इन दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रही है. रायपुर में शुक्रवार को पहली बार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिव्य दरबार लगाया. पहली बार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की आंखे दरबार में नम दिखाई दी. आखिर ऐसा क्या हो गया कि सनातन के लिए बेबाकी से अपनी बात रखने वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दिव्य दरबार में रो पड़े और आवाज में दुख की पीड़ा सुनाई देने लगी. चलिए जानें हैं इसके पीछे की इनसाइड स्टोरी.
दिव्य दरबार में क्यों रोने लगे बागेश्वर धाम सरकार?
दरअसल दिव्य दरबार में अक्सर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री श्रद्धालुओं की अर्जी लगाते हैं. लेकिन शुक्रवार को उन्होंने अंधश्रद्धा उन्मोलन समिति के आरोपों पर जवाब देने के लिए मीडिया के सामने दिव्य दरबार लगाया. देश में उनके खिलाफ लगातार लग रहे अंधविश्वास फैलाने में आरोपों को जवाब देने के लिए उन्होंने शुक्रवार के दिव्य दरबार में एक एक कर श्रद्धालुओं को अर्जी बनाते गए. इसके अलावा सनातन शक्ति को साबित करने के लिए मीडियाकर्मियों को भी मंच पर बुलाया. उन्होंने कहा कि भीड़ से किसी को भी उठा ले आइए. जिसको उठा कर लाएंगे ये अर्जी उनकी ही होगी.
जिसे भीड़ से उठाया उसकी निकली अर्जी
बिलासपुर से एक बीमार बच्चे के साथ उसकी मां आई थी. दोनों को मंच पर भेज दिया गया. इसके बाद बीमार दिव्यांश सिंह की मां से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पूछा कि समिति में किसी को अपने बारे में आपने बताया है क्या? जवाब से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री संतुष्ट हो गए तक उन्होंने पहले से दिख कर रखे अर्जी पढ़कर सुनाया. इसमें लिखा था कि बच्चा ठीक से चल नहीं पता है. नस की बीमारी है, आपको धन की समस्या है और ये समस्या ठीक हो जाएगी.
आचार्य के शिष्य ने खोल दिया रोने का राज़
दिव्य दरबार में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक एक कर श्रद्धालुओं की अर्जी निकाल रहे थे. लेकिन उनकी आंखे नम थी. इसको लेकर जब एबीपी न्यूज ने उनके शिष्य बालारून शर्मा से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि सनातन को आज परीक्षा देना पड़ रहा है. दिव्य दरबार में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री नहीं बैठते हैं. खुद हनुमान भगवान बैठते हैं. आज उनपर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है. गुरुजी आज रो रहे थे कि आज परीक्षा देना पड़ रही है. भले ही किसी को दिखा नहीं होगा लेकिन भक्त को गुरु के पीड़ा का अहसास हो जाता है. उनके दुख को हम महसूस करते हैं.
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