Chhattisgarh: लव जिहाद और धर्मांतरण के खिलाफ VHP देशभर में निकालेगी शौर्य यात्रा, संत भी होंगे शामिल
Raipur VHP Meeting: वीएचपी ने रायपुर में बैठक के बाद कहा कि हिंदू परिवार व्यवस्था प्रहार हो रहा है. जबकि बजरंग दल ने लव जिहाद और धर्मांतरण से निपटने के लिए शौर्य जागरण यात्रा निकालने की घोषणा की है.
Raipur News: छत्तीसगढ़ (Chhattishgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में 2 दिन तक चले विश्व हिंदू परिषद (VHP) की राष्ट्रीय बैठक रविवार ( 25 जून) को समाप्त हो गई है. इस बैठक में विश्व हिंदू परिषद (VHP)ने सितंबर 2023 से संगठन के अभियान की रणनीति बना ली है. इसके अलावा इस मीटिंग में वीएचपी ने हिंदू परिवार व्यवस्था को लेकर तीखी टिप्पणी की है. इस दौरान संगठन ने लव जिहाद (Love Jihad), धर्मांतरण (Conversion) की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए एक बड़ा कार्य योजना बनाने की घोषणा की है.
दरअसल 24 जून को देशभर के 44 प्रांतों के 237 पदाधिकारियों की उपस्थिति में रायपुर में वीएचपी की बैठक हुई है. इस बैठक में विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय प्रबंध समिति ने कई मुद्दों पर मंथन किया है और रविवार (25 जून) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने अभियान के बारे में जानकारी दी है. वीएचपी के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि इसमें हिंदू परिवार व्यवस्था प्रहार हो रहा है. लव जिहाद और धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ रही हैं. इससे निपटने के लिए बजरंग दल आने वाले 30 सितंबर से 14 अक्टूबर के बीच देशभर में शौर्य जागरण यात्राएं निकालेगा. इसमें बजरंग दल देश भर में ब्लॉक स्तर पर यात्रा निकालेगी और देशभर के युवाओं को वीएचपी से जोड़ा जाएगा. वहीं वीएचपी अपने बाल संस्कार केंद्रों के विस्तार के साथ गीता, रामायण आदि की परीक्षाएं भी आयोजित करेगी.
वीएचपी की मीटिंग में फैसला संत देशभर में करेंगे यात्रा
बजरंग दल के अलावा देश के संतो के लिए वीएचपी की मीटिंग में योजना बनाई गई है. इसके अनुसार दीपावली के आस- पास संतों का देशभर में दौरा होगा. इसके बारे में जानकारी देते हुए वीएचपी के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि संत जन जन तक पहुंच बढ़ा कर व्यक्तियों को परिवारों से और परिवारों को सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन मूल्यों से जोड़ा जाएगा. इसके अलावा वीएचपी कार्याध्यक्ष ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में हमारी सुदृण परिवार व्यवस्था पर मनोरंजन जगत, वामपंथी शिक्षाविदों और न्यायालयों के कुछ निर्णयों और भौतिकतावादी, भोगवादी मानसिकता ने गहरा आघात किया है. विश्व के कल्याण की कामना तक ले जाने वाली यह अनुपम व्यवस्था विखंडन की ओर बढ़ रही है.
वीएचपी की बैठक में ये प्रस्ताव हुए पारित
इस बैठक में कुछ प्रस्ताव भी पारित हुए हैं. प्रस्ताव में कहा गया है कि बच्चों में 'संस्कारों का आभाव, युवा पीढ़ी की आजादी और वृद्धों की बुरी दशा के मूल में परिवार व्यवस्था का क्षरण है. वीएचपी ने सरकारों से अनुरोध किया है कि 'शिक्षा नीति बनाने से लेकर परिवार सम्बन्धी कानूनों का निर्माण करते समय' इस व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अपना रचनात्मक योगदान दें. इसके साथ प्रस्ताव में न्यायपालिका से भी अपेक्षा की गयी है कि वह अपने निर्णयों में इसका ध्यान रखें. इसके साथ वीएचपी ने हिन्दू परिवारों से यह कहा है कि एकल परिवारों में रहने को बाध्य व्यक्तियों को भी नियमित अंतराल पर अपने मूल परिवार से संपर्क, पूर्वजों के स्थानों से जुड़ाव, पारिवारिक सहभोज, कुटुंब एकत्रीकरण, सामूहिक भजन, दान, सेवा कार्य, उत्सवों, तीर्थाटन, मातृभाषा का प्रयोग, स्वदेशी का आग्रह इत्यादि पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है.
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