राजनांदगांव में अपराधियों की अब नहीं खैर! 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी
Chhattisgarh News: त्रिनेत्र परियोजना के तहत राजनांदगांव सीसीटीवी कैमरों से लैस होगा. 385 नए कैमरे प्रवेश केंद्र और चौराहों पर लगाए जाएंगे. सरकारी धन से लगाए गए 152 कैमरों का रखरखाव भी किया जाएगा.
Chhattisgarh News: राजनांदगांव में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए स्थानीय लोग आगे आये हैं. उन्होंने पुलिस प्रशासन के साथ हाथ मिलाया है. मकसद यातायात नियमों को बेहतर करना और लोगों की सुरक्षा बढ़ाना है. अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन और पुलिस ने ‘त्रिनेत्र’ नामक एक परियोजना शुरू की है.
त्रिनेत्र परियोजना का पूरा खर्च स्थानीय लोग वहन कर रहे हैं. पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि अपनी तरह की पहली स्मार्ट सिटी ‘आईटीएमएस’ (यातायात प्रबंधन प्रणाली) और निगरानी परियोजना है.
परियोजना का पूरा वित्तपोषण जनता कर रही है. गर्ग ने बताया कि त्रिनेत्र परियोजना के तहत नंबर प्लेट की पहचान (एनपीपीआर) करने वाले 25 कैमरे, सभी दिशाओं में घूमने वाले (वैरिफोकल) 300 कैमरे और पचास ‘80/50’ मीटर तक ध्यान केंद्रित करने वाले कैमरे समेत 385 नए कैमरे प्रवेश केंद्र और चौराहों पर लगाए जाएंगे. इसके अलावा, पूर्व में जन सहयोग और सरकारी धन से लगाए गए 152 कैमरों का रखरखाव भी किया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि शहर की आबादी करीब 1.50 लाख है.
'तीसरी आंख' करेगी राजनांदगांव की निगेहबानी
शहर में मौजूदा तीन यातायात सिग्नल की मरम्मत के अलावा सात नये यातायात सिग्नल लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि ई-चालान की सुविधा के लिए इन यातायात सिग्नल पर ‘एएनपीआर’ और ‘वैरिफोकल’ कैमरे लगेंगे. गर्ग ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय राजनांदगांव में एक आधुनिक एकीकृत नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जा रहा है.
नियंत्रण कक्ष में कृत्रिम मेधा विशेषताओं से लैस सर्वर होगा. उन्होंने बताया कि त्वरित आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए नियंत्रण कक्ष को जिला नियंत्रण कक्ष और '112' (आपातकान सेवा नंबर) नियंत्रण कक्ष के साथ भी एकीकृत किया जाएगा.
सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए आगे आये लोग
उन्होंने बताया कि नए सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष के सर्वर में एक हजार कैमरों को जोड़ने की क्षमता होगी. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आपराधिक मामले में प्राथमिकी दर्ज होने या संबंधित पुलिस थाने से अनुमति मिलने के बाद सीसीटीवी कैमरों की फुटेज आम जनता को दिखाई जाएगी.
उन्होंने बताया कि परियोजना की लागत लगभग 1.25 करोड़ रुपये होगी. पुलिस अधीक्षक ने जिलाधिकारी संजय अग्रवाल के साथ मिलकर परियोजना को लागू करने की योजना तैयार की है, जो इस साल सितंबर में पूरी होने की संभावना है.
जिलाधिकारी संजय अग्रवाल ने बताया कि परियोजना त्रिनेत्र से पुलिस को अपराध की जांच और अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी. अगले चरण में त्रिनेत्र परियोजना को जिले के अन्य खंडों में भी लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बाहर कैमरे लगाने के लिए भी लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.