Rajnandgaon News: नेताओं की अनदेखी का खामियाजा भुगत रहे लोग, पुल नहीं होने से अस्पताल नहीं पहुंच सका मरीज, रास्ते में ही मौत
Chhattisgarh News: 17 साल के युवक ने समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने की वजह दम तोड़ दिया. युवक की मौत ने शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए विकास की पोल खोल कर रख दी है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में इन दिनों कई जिले भारी बारिश की चपेट में हैं. कई जिलों में बारिश की वजह से बाढ़ भी आ गई है. नदी-नाले उफान में हैं. ऐसे में अब एक और समस्या लोगों के बीच आने लगी है. ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए उफनते नदी-नालों को पार कर रहे हैं. ऐसा ही एक नजारा छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव (Rajnandgaon) जिले के किडकाडिटोला गांव में देखने को मिला, जहां पर एक बीमार मरीज को उफनता नाला पार करते हुए अस्पताल ले जाया गया. जब तक वह अस्पताल पहुंचता उसकी मौत हो चुकी थी. मरीज को लेकर चार युवकों द्वारा नदी पार करने का वीडियो अब सोशल मीडिया में जमकर वायरल (viral video) हो रहा है.
पुल नहीं होने से समय से नहीं पहुंचा
दरअसल राजनांदगांव के छुरिया ब्लाक के ग्राम किडकाडिटोला में रहने वाला 17 साल के युवक ने समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने की वजह दम तोड़ दिया है. इस युवक की मौत ने शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए विकास की पोल खोल कर रख दी है. इन दिनों भारी बारिश की वजह से नदी उफान पर है. इस वजह से कई इलाकों में लोगो को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
युवकों ने मरीज को पार कराया नदी
दरअसल शुक्रवार की शाम को इसी गांव में रहने वाले 17 वर्षीय रोशन कोमरे की अचानक तबीयत बिगड़ गई. रोशन को तेज बुखार के साथ चक्कर आने लगा. उसे हास्पिटल पहुंचाने के लिए परिजनों ने एंबुलेंस को कॉल किया. संजीवनी एबुलेंस किड़काड़ीटोला के बाहर तो आ गई, लेकिन नदी के रास्ते में पानी होने के चलते आगे नहीं बढ़ सकी. एंबुलेंस मजबूरी में गांव से 2 किमी दूर खड़ी रही. गांव के कुछ युवाओं ने रोशन को गोद में उठाकर नदी पार कराया. घर से बाइक में लाते हुए नदी पार करने में करीब 25 मिनट का समय लग गया. नदी पार करते ही रोशन को छुरिया हास्पिटल और फिर गंभीर स्थिति को देखते मेडिकल कॉलेज लाया जा रहा था.
नेता समस्या को लेकर गंभीर नहीं
हास्पिटल पहुंचने से 15 मिनट पहले तुमड़ीबोड़ के पास उसने दम तोड़ दिया. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पुल बनाने के लिए लंबे समय से आवेदन दिया जा रहा है. बीजेपी के बाद कांग्रेस सरकार में भी कई बार पुल की मांग उठाई जा चुकी है. इसके बाद भी नेता इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है. नेताओं की अनदेखी के चलते ग्रामीणों को हर साल बारिश में तकलीफ दायक जीवन जीना पड़ता है.
मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे
किड़काड़ीटोला गांव किसी घने जंगल के बीच में नहीं बसा है बल्कि छुरिया ब्लाक मुख्यालय से महज 11 किमी की दूरी पर ही है. इसके बाद भी यह गांव अब तक मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है. गांव के लोगों ने बताया कि पुल नहीं होने से आवाजाही बाधित हो रही है. वहीं गांव की सड़कें भी कीचड़ से सनी हैं. इसे देखने कोई भी नहीं पहुंचता है. तेज बारिश के दौरान कई दिनों तक गांव टापू में बदल चुका होता है. इसमें सबसे अधिक दिक्कत गर्भवती महिलाओं को होती है.
नदी पार करके स्कूल जा रहे बच्चे
किड़काड़ीटोला के ग्रामीणों ने इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो बनाकर भी सोशल मीडिया में जारी किया है. इसमें उन्होंने अपनी समस्या और संकट को बताया है. ग्रामीणों ने बताया कि पुल नहीं होने की वजह से स्कूली बच्चों को भी बड़ी समस्या हो रही है. बारिश के दौरान बच्चे नदी को पार कर स्कूल जाते हैं. ऐसे में उनकी जान का खतरा भी बना रहता है. नदी में बहाव तेज हुआ तो कई दिनों तक बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते.