Rajnandgaon: जंगल मे गड़ा धन निकालने के लिए बाप-बेटे का किया अपहरण, अंधविश्वास के चक्कर में हो गया खेल
राजनांदगांव पुलिस ने वारदात को अंजाम देने से पहले अपहरणकर्ताओं के मंसूबे का भंडाफोड़ कर दिया. बाप बेटे का अपहरण अंधविश्वास के चक्कर में किया गया था. पुलिस ने छह अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है.
Rajnandgaon Crime News: राजनांदगांव पुलिस ने अपहरणकर्ताओं (Kidnappers) के कब्जे से बाप-बेटे को सुरक्षित मुक्त करा लिया है. दोनों का अपहरण (Kidnapping) अंधविश्वास (Superstition) के चक्कर में किया गया था. पुलिस ने छह अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया. 21 अगस्त को शाम करीबन 7 बजे खालसा ढाबा जनकपुर से पुलिस को सूचना मिली कि एक बच्चे को जबरदस्ती कार नंबर- सीजी 08 एयू 2042 में बैठाकर नागपुर की ओर ले जाया जा रहा है. बच्चा 'बचाओ-बचाओ, मुझे मां के पास जाना है' कहकर रो रहा था. सूचना पर तत्काल पुलिस अलर्ट हो गई और कार का रात भर पता लगाती रही. बदमाशों की कार तुमड़ीबोड़ के पास दिखाई दी.
वारदात से पहले पुलिस ने किया मामले का भंडाफोड़
कार सवार बदमाश जीई रोड पर निकल कर दुर्ग की ओर भाग रहे थे. थाना सोमनी पुलिस की मदद से ठाकुरटोला के पास कार को जब्त कर लिया गया. शारदापारा पावर हाउस भिलाई थाना छावनी निवासी पीड़ित रूप सिंग ध्रुव ने पुलिस को बताया कि दोस्त जंघेल की मदद से उमर फारूक और जीतू उर्फ गणेश जैन से एक साल पहले परिचय हुआ था. 21 अगस्त की शाम को पांच बजे जीतू ने अपने ऑफिस के पास बुलाया और साथ में मंझले बेटे को लेकर आने को कहा. मैं मंझले बेटे के साथ जीतू की ऑफिस के पास पहुंच गया. पहले से खड़े फारूक और जीतू ने कहा कि चलो घूम कर आते हैं. हम दोनों को अपनी सफेद रंग की इनोवा गाड़ी में ले गया. शाम 7 बजे के आसपास राजनांदगांव के बाहर खालसा ढाबा पर रुके. ढाबा पर एक स्लेटी रंग की कार आई.
कार में एक आदमी जीतू और फारूक से बात करने लगे. मैं बेटे के साथ इनोवा में बैठ रहे थे. इसी दौरान फारूक और जीतू जबरदस्ती स्लेटी रंग की कार नंबर 2042 में बैठाकर ले गये. जबरदस्ती करने पर मैंने और बेटे ने पूछा कहां ले जा रहे हो. हम दोनों जोर जोर से चिल्लाने लगे थे. ढाबा पर मौजूद लोगों ने देख लिया था. राजनांदगांव एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि घटना की जानकारी लगते ही तत्काल राजनांदगांव पुलिस अलर्ट हो गई. पुलिस ने गाड़ी नंबर से अपहरणकर्ताओं का पता लगाया. गाड़ी में बैठे एक आदमी के मोबाइल लोकेशन पर पुलिस पीछा करने लगी.
मुख्य सरगना पीडब्ल्यूडी विभाग का कर्मचारी निकला
इसी दरमियान ठाकुरटोला के पास सोमनी थाना पुलिस ने घेराबंदी कर गाड़ी को रोका. गाड़ी में छह अपहरणकर्ता सवार थे. पुलिस ने बाप और बेटे को मुक्त कराकर अपहरणकर्ताओं को हिरासत में लिया. पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि किसी ने जंगल में नक्सलियों के रुपये गड़े होने की जानकारी दी थी और गड़े धन को निकालने के लिए उल्टा पैदा हुए बच्चे की दरकार थी. बच्चे को धन वाली जगह जाने पर करंट लगने लगता. इस तरह जमीन में नक्सलियों के गड़े धन को निकाल लिया जाता. पुलिस के मुताबिक अपहरणकर्ताओं का मुख्य सरगना पीडब्ल्यूडी विभाग का कर्मचारी है.
छत्तीसगढ़-झारखंड बॉर्डर पर कोबरा बटालियन ने चलाया जॉइंट ऑपरेशन, नक्सलियों ने किए आईईडी ब्लास्ट
नक्सलियों के गड़े धन को निकालने के लिए अपहरण
उसी के कहने पर सभी अपहरणकर्ताओं ने बाप और बेटे का अपहरण किया था. आपको बता दें कि बेटा जन्म के समय उल्टा पैदा हुआ था. इसलिए उस बच्चे का अपरहणकर्ताओं ने चुनाव किया था. पुलिस का कहना है कि अगर समय रहते अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बाप बेटे को नहीं बचाया जाता तो कोई अप्रिय घटना घट सकती थी. फिलहाल छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर वारदात में इस्तेमाल किए गए दो चार पहिया वाहन को भी जब्त किया है. आरोपियों के खिलाफ अपहरण सहित कई मामले दर्ज किए गए हैं. पढ़े लिखे आरोपियों की मंशा अंधविश्वास के चक्कर में वारदात को अंजाम देने की थी. पुलिस ने घटना को अंजाम देने से पहले ही मामले का खुलासा कर दिया.