Chhattisgarh News: किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) इन दिनों छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने सरगुजा जिले में हसदेव अरण्य क्षेत्र का दौरा किया. यहां लंबे समय से आदिवासियों द्वारा नए कोल परियोजना खुलने का विरोध किया जा रहा है. यहां राकेश टिकैत ने ग्रामीणों के कोल खदान को लेकर विरोध का समर्थन किया. इसके बाद मंगलवार को राकेश टिकैत कोरबा जिले के दौरे पर पहुंचे. यहां छत्तीसगढ़ किसान सभा द्वारा गंगानगर में आयोजित विस्थापन पीड़ितों की संघर्ष सभा में गंगानगर में टिकैत जमकर गरजे.
सभा में उपस्थित हजारों किसानों को उन्होंने विस्थापन के खिलाफ एकजुट संघर्ष करने का मंत्र दिया. साथ ही कहा कि यदि केंद्र और राज्य की सरकारें जनता की आवाज नहीं सुनती, तो आंदोलनों की धमक से इन बहरी सरकारों को अपनी आवाज सुनाने के लिए देश की जनता तैयार है.
'सरकार गरीबों की जमीन छीनना चाहती'
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यह भूमि विस्थापन के खिलाफ आम जनता के लड़ाकूपन का प्रतीक है और इस लड़ाई में वे कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, उनके साथ मिलकर लड़ेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि हसदेव हो, कोरबा या बस्तर, केंद्र और राज्य दोनों सरकारें मिलकर उद्योगपतियों को जमीन देना चाहती है और इसके लिए गरीबों से जमीन छीनना चाहती है.
टिकैत ने आगे कहा कि आज छत्तीसगढ़ में जमीन बचाने की लड़ाई ही सबसे बड़ी लड़ाई है. उन्होंने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ में 22 जगहों पर आंदोलन चल रहे हैं. इस संघर्ष को सभी संगठनों की पहलकदमी से साझा मोर्चा बनाकर और मजबूत करना होगा. टिकैत ने कहा कि मजदूर किसानों की एकजुटता का यही संदेश लेकर आज संयुक्त किसान मोर्चा के 40 नेता पूरे देश का दौरा कर रहे हैं और इसी उद्देश्य से वे छत्तीसगढ़ के प्रवास पर हैं. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि किसान आंदोलनों से सरकार बातचीत करे या फिर उनके गुस्से का सामना करे.
बड़ा आंदोलन खड़ा करने की घोषणा की
राकेश टिकैत के साथ मौजूद नेता बादल ने कहा कि जिस तरह से राम के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को लव कुश ने रोका था. उसी तरह इस सरकार की किसान विरोधी कानूनों को मजदूर और किसानों ने वापस लेने के लिए बाध्य किया है.
उन्होंने कहा कि इस सरकार की कॉरपोरेट परस्त नीतियों को पलटकर ही इस देश का मजदूर और किसान दम लेगा. इस कड़ी में पांच अप्रैल को दिल्ली में मजदूर किसान संघर्ष रैली के संसद पर आयोजित किए जाने की जानकारी दी. छत्तीसगढ़ किसान सभा को कोरबा जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर की अध्यक्षता में आयोजित इस सभा को राज्य सचिव संजय पराते और जिला सचिव प्रशांत झा ने भी संबोधित किया. उन्होंने एसईसीएल पर बड़े पैमाने पर जमीन की जमाखोरी करने का आरोप लगाया.
कोरबा में छत्तीसगढ़ किसान सभा से जुड़े नेताओं के कहा कि कोरबा जिले में जमीन से जुड़ी अलग-अलग तरह की समस्याएं हैं, लेकिन इसकी जड़ में सत्ता में बैठी हुई. कांग्रेस और बीजेपी ही है, जो विकास के नाम पर पूंजीपतियों के लिए गरीबों की जमीन छीन रहे हैं. इस काम में यहां के जिला प्रशासन सत्ताधारी पार्टी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं और किसी भी कानून नियमों का पालन करने से इंकार कर रहे हैं. इसके खिलाफ उन्होंने एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने की भी घोषणा की
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