Chhattisgarh News: नए साल की शुरुआत के साथ अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी तेज हो गई है. इसी महीने के 22 तारीख को प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाया जाएगा. इसको लेकर देशभर में गजब का उत्साह है. खासकर छत्तीसगढ़ के लोगों की भगवान राम से विशेष श्रद्धा है. क्योंकि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है. माता कौशल्या का जन्मभूमि है. इस लिहाज से छत्तीसगढ़ के लोग अयोध्या में चल रही तैयारी में अपनी ज्यादा ज्यादा भूमिका में रहने की कोशिश में है. 300 मीट्रिक टन सुगंधित चावल भेजने के बाद अब ननिहाल से 100 टन सब्जी भेजने की तैयारी तेज हो गई है.
चावल के बाद 100 टन सब्जी जाएगी अयोध्या
दरअसल मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से सोमवार को राज्य अतिथि गृह पहुना में छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान संघ के सदस्यों ने मुलाकात किया है. इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री को दुर्ग जिले के कुम्हारी में 12 और 13 जनवरी को आयोजित दो दिवसीय किसान मेला में शामिल होने के लिए न्योता दिया है. इसके साथ किसान संगठन ने 100 टन सब्जी अयोध्या भेजने का निर्णय लिया है. इसपर भी किसानों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से चर्चा किया है. तो मुख्यमंत्री ने किसानों के इस प्रयास पर मुहर लगा दी है. अब जल्द ही किसान 100 टन सब्जी इकट्ठा करेंगे. इसके बाद ये सब्जियों को बड़ी खेप भगवान राम को अर्पण करेंगे.
12 और 13 को दुर्ग जिले में बड़ा किसान मेला होगा
किसान संघ के अध्यक्ष विरेन्द्र लोहान ने मुख्यमंत्री को बताया कि मेले में किसान भाइयों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के कृषि उत्पादों एवं आधुनिक यंत्रों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. साथ ही कृषि विशेषज्ञों की संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया है. उन्होंने बताया कि संघ से जुड़े किसानों ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य में योगदान के लिए 100 टन सब्जी भेजने का निर्णय लिया है. हालांकि किसान संघ की तरफ से ये सभी साथ नहीं हुआ है कि सब्जियां किस तारीख को अयोध्या रवाना की जाएगी.
भगवान राम के मामाओं ने 300 मीट्रिक टन चावल भेज चुके है
आपको बता दें कि पिछले महीने 30 दिसंबर को 300 मीट्रिक टन सुगंधित चावल अयोध्या भेजा जा चुका है. रायपुर के राम मंदिर से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 11 ट्रक को भगवा झंडा दिखाकर रवाना किया है. इसके लिए छत्तीसगढ़ के 25 राइस मिलर्स ने प्रदेशभर से 300 मीट्रिक टन चावल जुटाया था. ये चावल अयोध्या में भगवान राम को भोग लगाया जाएगा और भंडारे में इसका उपयोग किया जाए. वहीं राइस मिलर्स एसोसिएशन ने कहा था कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का मामा पक्ष है. इस लिए छत्तीसगढ़ श्री राम का ननिहाल है और मायरू स्वरूप 300 टन चावल अयोध्या भेजा जा रहा है.
भगवान राम की तपोभूमि है छत्तीसगढ़
आपको बता दें कि भगवान राम का कर्म स्थली अयोध्या को माना जाता है. लेकिन उनके तपो स्थली जहां उन्होंने 10 साल से ज्यादा वनवास काटा वो जगह है छत्तीसगढ़. रायपुर से 27 किलोमीटर दूर चंदखुरी में भगवान राम की माता कौशल्या का जन्म स्थली है.जहां माता कौशल्या के गोद में राम लल्ला बैठे है. इसलिए छत्तीसगढ़ भगवान राम को भांजा राम की तरह मानता है. इस लिए छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल माना जाता है और राज्य में लोग भगवान राम को भांजा का रिश्ता मानते है.
छत्तीसगढ़ और अयोध्या का क्या रिश्ता है?
रामायण काल में छत्तीसगढ़ को दक्षिण कौशल के नाम से जाना जाता था. राजा दशरथ ने दक्षिण कौशल के राजा भानुमंत की बेटी कौशल्या से विवाह किया. इसके बाद अयोध्या और दक्षिण कौशल का रिश्ता जुड़ गया. छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल माना गया. इसके पीछे आधार ये है कि देश में एकमात्र कौशल्या माता मंदिर छत्तीसगढ़ में है.
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