Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं की सक्रियता भी बढ़ती जा रही है. ट्विटर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. रमन सिंह ने वन अधिकार पट्टा देने के मामले में कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकाल के आंकड़े जारी किए है तो दूसरी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को 'झूठों के सरताज' तक कह दिया.
दो दिग्गजों का ट्विटर पर सियासी जंग
दरअसल पिछले कुछ दिनों से लगातार पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच जमकर बयानबाजी देखने को मिल रही है. रमन सिंह ने बस्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस सरकार को घेरने में जुटे है. उन्होंने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल और बीजेपी सरकार के कार्यकाल की तुलना करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार को कुशासन सरकार बताया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए वन अधिकार पट्टा जारी करने के आंकड़ों की तुलना की है.
वन अधिकार पट्टा देने में कौन आगे कौन पीछे?
शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने वन अधिकार पट्टे को लेकर एक आंकड़ा जारी किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि बीजेपी शासनकाल (2008-2018) में वन अधिकार पट्टा से 4 लाख 15 हजार 85 लोगों को लाभ मिला है. प्रतिवर्ष अनुपात के अनुसार 40 हजार 158 पट्टे दिए गए और इसके साथ देश में छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर रहे. इसके बाद रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के आंकड़े जारी करते हुए बताया कि दाऊ भूपेश बघेल के कुशासन में वन अधिकार पट्टा लाभ 54 हजार 771 लोगों को मिला. प्रतिवर्ष अनुपात के अनुसार 13 हजार 692 पट्टे दिए गए और इसके बाद छत्तीसगढ़ देश में पट्टा देने के मामले में 7 वें स्थान पर आ गया है.
'15 साल प्रदेश को ठगने के वाले डियर झूठों के सरताज'
रमन सिंह के आरोपों के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्विटर पर कहा कि ''आंकड़ों की बाज़ीगरी और लफ़्फ़ाज़ी के हुनर से 15 साल प्रदेश को ठगने के वाले डियर “झूठों के सरताज”! वन अधिकार पत्रों की वास्तविकता क्या है, मैं आपको बताता हूं. आपने हजारों पात्र लोगों के आवेदन रद्दी की टोकरी में डाल दिए थे, हमने उन्हें पट्टे दिए. जो काम 5 साल में करना था, उसे आपने 15 सालों में भी नहीं किया. आपने सामुदायिक वन संसाधन अधिकार देने में हाथ खींच लिए, हमने 3 हजार 934 पत्रकों में 17 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि दी. हम पट्टा और जमीन बांटने के मामले में देश में नंबर वन है, आंखें धोकर देख लीजिए. आपने नगरीय क्षेत्रों में वन अधिकार दिए ही नहीं, हमने दिए हैं.''
सीएम भूपेश बोले -15 साल तक आदिवासियों के साथ बेईमानी की
इसके आगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा कि हमने रिजर्व फॉरेस्ट में भी वन अधिकार दिए. आपने अपनी तीन पारियों में जितने पट्टे बांटे, तुलनात्मक रूप से हमारे सवा चार साल के आंकड़े कहीं ज्यादा बेहतर हैं.थोड़े समय में ही हमारे पास आवंटन के बड़े आंकड़ों का होना इस बात का सबूत है कि आपने 15 साल तक आदिवासियों के साथ बेईमानी की. आपको तो हमारे लिए कोई काम छोड़ना ही नहीं था.
रमन सिंह ने मुख्यमंत्री से पूछा कितने स्कूल बनाएं?
इसके बाद रमन सिंह फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सवाल पूछते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने इस बार वन अधिकार पट्टे की जगह डेवलपमेंट कार्यों को लेकर सवाल किया है. उन्होंने लिखा है कि बीजेपी सरकार ने सुदूर अंचलों में स्कूल, अस्पताल, सड़क, मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय स्थापित किये. दाऊ भूपेश बघेल बताएं कि कांग्रेसी कुशासन ने आदिवासी अंचलों में नक्सलवाद के अलावा क्या दिया? कितने स्कूल? कितने विश्वविद्यालय?कितनी सड़क? कितनी योजनाएं?
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