(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ramlala Pran Pratishtha: वनवास के दौरान सरगुजा के रामगढ़ में रुके थे श्री राम, आज भी मौजूद है माता सीता का विश्राम स्थल
Ram Mandir Opening: सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक में रामगढ़ पर्वत स्थित है. जहां आज विशेष पूजा, अनुष्ठान किया गया. रामगढ़ में सीताबेंगरा नामक गुफा, जहां माता सीता और श्री राम वनवास के दौरान रहते है.
Surguja News: भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में आज प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हुआ. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश के नामी हस्तियां शामिल हुए. इस ऐतिहासिक दिन में देशभर में राम नाम की गूंज है. गांव-गांव, शहर-शहर में श्री राम नाम के जयकारे लग रहे है. छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले भी राममय हो गया है. जिला मुख्यालय अंबिकापुर की सड़कों पर भगवा रंग के कपड़े, ध्वज लगाए गए है. इसके साथ ही मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान, यज्ञ, पूजा अर्चना की जा रही है. बता दें कि, सरगुजा जिले के रामगढ़ (रामगिरी) में भी प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. रामगढ़ सरगुजा जिले का वो जगह है जहां भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता वनवास काल के दौरान कुछ दिन विश्राम किए थे.
सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक में रामगढ़ पर्वत स्थित है. जहां आज विशेष पूजा, अनुष्ठान किया जा रहा है. रामगढ़ में सीताबेंगरा नामक गुफा है. जहां माता सीता और श्री राम वनवास के दौरान रहते है. इसके अलावा यहां लक्ष्मण गुफा भी है. मान्यता है कि वनवास काल के दौरान रामगढ़ में श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता ने काफी दिनों तक समय बिताया है. जिसके प्रमाण वर्तमान में भी मौजूद है.
सीताबेंगरा गुफा
रामगढ़ में सीताबेंगरा गुफा है. जिसे माता सीता का कक्ष कहा जाता है. यह गुफा पत्थर की चट्टान पर बनी हुई है. गुफा के अंदर को एक रूम की तरह डिजाइन किया गया है. सीताबेंगरा गुफा के नीचे एक और गुफा है, जहां एक कुंड बना हुआ है. कहा जाता है कि सीता माता इसी कुंड के पानी का उपयोग करती थी. वैसे तो कुंड का आकार बहुत छोटा है. लेकिन यहां वर्षभर पानी भरा रहता है. जो हमेशा एकदम ठंडा ही रहता है. इस जगह को भी पर्यटन के दृष्टिकोण से सहेजने का प्रयास किया जा रहा है.
पहाड़ की ऊंचाई में मंदिर
रामगढ़ में हजारों फीट ऊंचाई का विशाल पर्वत है. जिसकी चोटी पर भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता की मूर्ति स्थापित है. कहा जाता है कि वनवास के समय श्रीराम, सीता और लक्ष्मण इस पर्वत पर भ्रमण किया करते थे. पहाड़ के ऊपर एक तालाब भी है. जिसका पानी हमेशा नीला रहता है. इस जगह को लेकर यह सवाल बना हुआ है कि हजारों फीट ऊंचाई पहाड़ के टीले पर स्थित तालाब में हर समय पानी कैसे भरा रहता है. इसे भगवान के चमत्कार से जोड़कर देखा जाता है.
रामगढ़ महोत्सव
इसके अलावा सरगुजा के रामगढ़ में महाकवि कालिदास ने मेघदूत की रचना स्थली भी है. जहां जिला प्रशासन द्वारा प्रतिवर्ष रामगढ़ महोत्सव का आयोजन किया जाता है. जिससे रामगढ़ की रामकाल से जुड़ी ऐतिहासिक कहानी को जानने, समझने का लोगों को अवसर मिलता है. आज अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर जिला प्रशासन द्वारा रामगढ़ में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें रामगढ़ की विशेषताओं से लोग रूबरू हुए और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को बड़े स्क्रीन पर लाइव देखा गया.
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