Chhattisgarh Latest News: : जनमंच संस्थान की ओर से महावीर नगर स्थित श्रीरामशांताय सभागार में राष्ट्र चिंतन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें राष्ट्रीय विचारक और सामाजिक कार्यकर्ता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने 'राष्ट्र, राष्ट्रीयता और चुनौतियां' विषय पर अनवरत 3 घंटे 45 मिनट के उद्घोषण में राष्ट्र और सनातन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को रखा. उन्होंने कहा कि संगठन बनते हैं, बिगड़ते हैं, पार्टियां टूटती हैं और बिखरती रहती हैं, लेकिन राष्ट्र से ऊपर कोई नहीं है.


पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने आगे कहा कि अपनी भूमिका व सामर्थ्य तय करें और पूरी शक्ति से उस काम को करें, यही सबसे बड़ा राष्ट्रवाद है. उन्होंने सनातन के विज्ञान को बताते हुए सूर्य को जल चढ़ाने और पीपल का पूजन करने की बात करते हुए कहा कि जिंदा कौम अपना इतिहास नहीं भूलती हैं.


1935 के भारतीय विधान की कार्बन कॉपी से संविधान बना


उन्होंने कहा ''आजाद होने के बाद भी गुलामी का इतिहास पढ़ाने से संस्थाएं गुलाम बनी रहती हैं. 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिली, यह सबसे बड़ा झूठ है. भारत के या ब्रिटेन के किसी डॉक्युमेंट में नहीं लिखा कि भारत 1947 को आजाद हुआ. यह केवल ट्रांसफर ऑफ पॉवर था. भारत का अंतिम वायसरॉय ही पहला गवर्नर जनरल बना. जबकि चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को गवर्नर जनरल बनाने से पहले ब्रिटेन से अनुमति लेनी पड़ी.''


उन्होंने कहा ''1935 के भारतीय विधान की कार्बन कॉपी से संविधान बना और अंग्रेजों का पुलिस एक्ट आज भी लागू है. उन्होंने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि अंग्रेजों ने भारत को आजाद करने के लिए कांग्रेस का गठन किया हो.''


भारत के पहले पीएम नेहरु नहीं थे : कुलश्रेष्ठ 


कुलश्रेष्ठ ने कहा ''भारत के पहले प्रधानमंत्री चाचा नेहरु नहीं बल्कि सुभाष चंद्र बोस थे. आजाद हिंद फौज ने स्वराज की घोषणा की, अपना रेडियो स्टेशन स्थापित किया. जिसे दुनिया के 11 देशों ने मान्यता दी थी. आज अफगानिस्तान को केवल दो देशों ने मान्यता दी है. कुलश्रेष्ठ ने आगे कहा कि सुभाष चंद्र बोस के मकान की 1968 तक जासूसी होती रही, जिसकी रिपोर्ट ब्रिटेन भेजी जाती थी.''


जाति केवल एक मकान नंबर की तरह है: कुलश्रेष्ठ 


कुलश्रेष्ठ ने बताया कि पटना के सबसे बड़े मंदिर के पुजारी दलित हैं. जिन्हें पुरुषार्थ पर भरोसा नहीं है, वे ही जाति का नाम लेकर सत्ता तक पहुंचना चाहते हैं. जाति केवल एक मकान नंबर की तरह है, जो केवल निजी पहचान है. जाति केवल चौखट तक ही रहनी चाहिए. बता दें कि कार्यक्रम के दौरान उनको सुनने वालों की भीड़ इतनी थी की अंत में गेट बंद करना पड़ा.


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