Chhattisgarh News: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने बजरंग दल और पीएफआई को सरकार बनी तो बैन करने का वादा कर रही है. इससे देशभर बजरंग दल को लेकर सियासत छिड़ गई है. इसका असर छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजरंग दल को गुंडागर्दी संगठन बताया है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर छत्तीसगढ़ में बजरंग दल को बैन करने पर सरकार विचार करेगी. इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का पलटवार बयान आया है.
बजरंग दल को बैन करने के बयान पर रमन सिंह का पलटवार
दरअसल बुधवार को रायपुर में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए कहा कि बजरंग दल सेवा सुरक्षा संस्कार और समाज की सुरक्षा करने वाला संगठन है. ये भगवान राम और बजरंगबली के भक्त है. बजरंग दल ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का विरोध किया है और इसे भूपेश बघेल जी प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे है. शायद उनको बजरंग बली के शक्ति का भान नहीं है. रावण ने भी बजरंग बली के शक्ति का आकलन नहीं किया था और सोने की लंका जल गई.
रमन सिंह ने कहा बैन किया गया तो बीजेपी करेगी विरोध
इसके आगे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस कमजोर दिख रही है इसलिये बजरंग दल के प्रतिबंध की बात कर रही है. ये कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति है. बजरंग दल आक्रामक होकर काम नहीं करते वे संस्कारी लोग है. अगर छत्तीसगढ़ में बजरंग दल को बैन किया जाता है तो बीजेपी इसका इसका विरोध करेगी.
सीएम बघेल ने बजरंग दल को बताया गुंडागर्दी का संगठन
इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत करते हुए बजरंग दल को गुंडागर्दी का संगठन बताया है. उन्होंने कहा है यहां भी बजरंगियों ने गड़बड़ की तो हमने ठीक कर दिया. जरूरत पड़ेगी तो यहां भी सोचेंगे. उन्होंने आगे कहा है कि छत्तीसगढ़ में बजरंग दल की गुंडागर्दी कम है, हम सब देख रहे हैं. बजरंग दल का सदस्य होने के नाते आपको ये अधिकार नहीं मिल जाता की आप कानून को हाथ में लें. यदि अपराध हुआ तो अपराधी को सजा देने की प्रक्रिया है. संविधान में पुलिस है. न्याय व्यवस्था है.
बता दें की 10 मई को कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और इसी साल के नवंबर में छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
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