Republic Day 2023: 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य एक नया इतिहास रचने जा रहा है. दरअसल यहां पहली बार जवानों की परेड में थर्ड जेंडर को शामिल किया गया है. थर्ड जेंडर को बस्तर फाइटर्स में हाल ही में शामिल किया गया है. अब मार्च पास्ट कर तिरंगे को सलामी देंगे. यह पहला मौका है जब सुरक्षाकर्मियों के मार्च पास्ट में थर्ड जेंडर को शामिल किया गया है. बकायदा सुरक्षाकर्मियों के साथ 4 की संख्या में थर्ड जेंडर (बस्तर फाइटर्स) परेड कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सलामी देंगे. यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार है जब गणतंत्र दिवस के मौके पर थर्ड जेंडर को सुरक्षाकर्मियों के परेड सलामी में शामिल किया गया है.


पहली बार थर्ड जेंडर हो रहे परेड में शामिल
हाल ही में बस्तर में नक्सलियों से लोहा लेने के लिए स्थानीय युवक-युवतियों की बस्तर फाइटर्स  फोर्स में नियुक्ति की गई है. बस्तर फाइटर्स के जवानों में पुरुष और महिलाओं के साथ ही थर्ड जेंडर भी सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए बकायदा एग्जाम क्लियर  कर  सेलेक्ट हुई हैं. यहां पुरुष और महिला सुरक्षा कर्मियों के साथ थर्ड जेंडर भी कंधे से कंधा मिलाकर नक्सली मोर्चे पर तैनात हैं. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि हर साल  की भांति इस साल भी प्रदेश के  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गणतंत्र दिवस के दिन शहर के लालबाग मैदान में ध्वजारोहण करने के लिए जगदलपुर पहुंच रहे है.


2023 के गणतंत्र दिवस परेड है खास
उन्होंने बताया कि ध्वजारोहण करने के बाद वो परेड में शामिल प्लाटून से सलामी लेंगे. लेकिन 2023 के गणतंत्र दिवस के परेड में खास बात यह है कि पहली बार मार्च पास्ट में थर्ड जेंडर भी शामिल होंगे. जो बस्तर के लिए इतिहास है. छत्तीसगढ़ में इससे पहले कभी नहीं हुआ. थर्ड जेंडर के मार्च पास्ट में शामिल होने से समाज में समानता का संदेश जाएगा. साथ ही  थर्डजेंडर को समाज में समान अधिकार मिलेगा. उन्होंने कहा ककि थर्ड जेंडर हमारे ही समाज का एक हिस्सा है. लेकिन समाज के लोग थर्ड जेंडर को हीन भावना से देखते हैं. उन पर गलत तरीके से टिप्पणी करते हैं. वहीं राज्य सरकार और बस्तर पुलिस के अधिकारियों के द्वारा लिए गए इस  निर्णय की बस्तर में जमकर सराहना हो रही है.


सरेंडर नक्सली भी होंगे परेड में शामिल  
बस्तर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से  बीते कुछ सालों से लगातार छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर कई नक्सली आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा से जुड़े हैं. बीते सालों से  सरेंडर नक्सली भी इस ऐतिहासिक और गरिमामय पल में प्लाटून का हिस्सा बनकर गणतंत्र दिवस में सलामी देते नजर आए थे. आईजी ने बताया कि इस साल भी सरेंडर नक्सली जो अब पुलिस के जवान बन चुके हैं वो भी परेड में शामिल होकर मुख्यमंत्री को सलामी देंगे.


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