Raipur : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने केंद्र सरकार को दो पत्र लिखे हैं. उन्होंने केंद्रीय मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने महार/मेहरा/मेहर जाति को छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति की सूची में रखने का आग्रह किया है. इसके अलावा बस्तर से दिल्ली की हवाई सेवा का विस्तार करने की मांग की है.


रमन सिंह ने दो केंद्रीय मंत्रियों को लिखा पत्र


डॉ रमन सिंह ने 20 अप्रैल को सिंधिया को लिखे पत्र उन्होंने कहा है कि गृह मंत्रालय और इंडिगो के बीच हुए अनुबंध के अनुसार बस्तर के नक्सल मोर्चे पर तैनात हजारों जवानों के लिए बस्तर से दिल्ली तक बिना पैसे के हवाई सुविधा की व्यवस्था की गई है. लेकिन बस्तर के आम नागरिकों के लिए दिल्ली के लिए कोई सीधी रेल या बस सेवा नहीं है. गृह मंत्रालय के अनुबंध अनुसार केवल अर्धसैनिक बल के जवानों के लिए सप्ताह में 3 दिन इंडिगो का 70 सीटर विमान संचालित है, यदि इस 70 सीटर विमान के जगह पर 114 सीटर विमान का संचालन कर दिया जाए तो अर्धसैनिक बल के अलावा बाकी 30-40 सीटें आम नागरिकों के लिए आरक्षित किया जाए तो आम नागरिकों के लिए बड़ी सुविधा हो जाएगी.


इस जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने का आग्रह


पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह को भी 20 अप्रैल को ही पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने 1992 से आरक्षण से वंचित छत्तीसगढ़ के महार/मेहरा/मेहर जाति को छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति की सूची में रखने का आग्रह किया है. पूर्व सीएम रमन सिंह ने पत्र में लिखा कि छत्तीसगढ़ राज्य में महारा/महरा जाति को छत्तीसगढ राज्य अनुसूचित जाति की सूची के सरल कमांक 33 में महार/मेहरा/मेहर के साथ रखने के लिए समाज के प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन दिया है.


महारा समुदाय के 6 लाख से अधिक लोगों को नहीं मिल रहा आरक्षण का लाभ


रमन सिंह ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि बस्तर संभाग में महारा समुदाय की जनसंख्या 6 लाख से अधिक है, जो साल 1992 से आरक्षण से वंचित हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने महरा, माहरा समुदाय को छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जातियों की सूची में महार, मेहरा, मेहर की पर्यायवाची के रूप में शामिल करने की अनुशंसा प्रस्ताव 7 दिसंबर 2021, 23 दिसंबर 2021,10 जनवरी 2022 और 28 जनवरी 2022 के अनुसार किया गया है. ये भी बताया है कि प्रक्रिया अनुसार भारत के महारजिस्ट्रार और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने प्रस्ताव का परीक्षण कर सहमति दे दी है. जिसमें भारत सरकार राजपत्र दिनांक 18 दिसंबर 2002 के अनुसार पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश सरकार में महार, मेहरा, मेहर, महारा को अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखने की मान्यता प्रदान कर दी है.


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