Durg News: छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर नगर निगम माने जाने वाला भिलाई नगर निगम का इस दिवाली में दिवाला निकल गया है. हालात यह है कि नगर निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं. इसलिए महापौर परिषद ने यह फैसला लिया है कि वह निगम के संचित निधि निकाल कर कर्मचारियों को वेतन देंगे. इसके लिए निगम ने राज्य सरकार को संचित निधि निकालने के लिए पत्र भेजकर अनुमति मांगी है.
संचित निधि से मिलेगा वेतन
दुर्ग जिला का नगर पालिक निगम भिलाई इन दिनों बहुत कठिन हालात से गुजर रहा है. निगम के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने तक का बजट नहीं है. दीपावली के समय वेतन रोकने पर कर्मचारी विरोध न करें, इसे देखते हुए निगम ने संचित निधि से राशि लेकर वेतन देने का फैसला किया है. महापौर परिषद की बैठक में महापौर नीरज पाल के इस फैसले के बाद से निगम में जोर शोर से चर्चा हो रही कि आखिर ऐसे हालात बनें क्यों? जानकारी मिली है कि संचित निधि से 9 करोड़ 84 लाख 18 हजार रूपये वेतन भुगतान करने के लिए निकाले जा रहे हैं. इस राशि से वेतन का भुगतान तभी किया जाएगा जब शासन से इसकी स्वीकृति मिल जाएगी.
महापौर परिषद में लिया गया फैसला
भिलाई नगर निगम में महापौर परिषद के इस फैसले के बाद से हड़कंप मचा है कि राज्य के सबसे अमीर निगम में से एक भिलाई निगम आर्थिक संकट से कैसे गुजर रहा है. हालांकि महापौर ने एमआईसी में कहा कि यह फैसला दीपावली त्यौहार को देखते हुए अधिकारी/कर्मचारियों के वेतन भुगतान को लेकर लिया गया है. इस निर्णय को एमआईसी के सभी सदस्यों ने एक स्वर में स्वीकार भी कर दिया.
राज्य सरकार से मांगी अनुमति
अब निगम ने इसके लिए संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को पत्र लिखा है. महापौर नीरज पाल ने कहा कि नियमित अधिकारी/ कर्मचारियों का सितंबर माह का जो वेजन अक्टूबर में मिलना होता है, वह अबतक नहीं मिला है. इसे देखते हुए महापौर परिषद ने सकारात्मक निर्णय लिया है. प्लेसमेंट कर्मचारियों का वेतन भी बकाया है. संचालनालय और शासन से अनुमति मिलते ही संचित निधि की उपलब्ध राशि में से इन्हें वेतन दे दिया जाएगा.
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