Chhattisgarh Rain: छत्तीसगढ़ में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात, CM बघेल ने अधिकारियों को दिए अलर्ट रहने के निर्देश
Durg: सीएम भूपेश बघेल ने प्रशासनिक अधिकारियों को नदी के किनारे वाले गांवों को खाली कराने के निर्देश दिये हैं, साथ ही अधिकारियों से चौबीस घंटे हालातों की निगरानी करने के लिए भी कहा गया है.
Durg: छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश के चलते नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है. नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने नदियों विशेषकर महानदी बेसिन के किनारे वाले गांवों में अलर्ट जारी किया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महानदी के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए जांजगीर-चाम्पा एवं रायगढ़ जिले के नदी किनारे वाले गांवों में जिला प्रशासन को विशेष निगरानी एवं सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
अलर्ट मोड पर अधिकारी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद अधिकारियों की टीम महानदी के जलस्तर पर निरंतर निगरानी बनाए हुए है. नदी के दोनों ओर के निचले स्तर के गांव और बस्तियों में मुनादी कराने के साथ ही जिला प्रशासन द्वारा निचली बस्तियों के लोगों को ऐहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में ले जाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है.
लगातार जलाशयों से नदियों में छोड़ा जा रहा है पानी
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं. रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग स्थित सिंचाई बांध और जलाशय लबालब हैं. ऐसी स्थिति में बांधों और जलाशयों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते महानदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. धमतरी जिला स्थित रविशंकर जलाशय से 52 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा है, जबकि सोंढूर बांध से पांच हजार क्यूसेक, सिकासेर से 13 हजार 400 क्यूसेक, इस प्रकार कुल 70 हजार 400 क्यूसेक पानी महानदी में छोड़ा जा रहा है. वहीं, शिवनाथ नदी पर बने मोंगरा बैराज, सूखा नाला बैराज और घूमरिया बैराज से 70 हजार क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा है जो आज रात तक डाउनस्ट्रीम के जिलों में पहुंच जाएगा. महानदी बेसिन इलाके में लगातार बारिश के कारण भी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.
जलाशयों में क्षमता से अधिक भर रहा है पानी
हीराकुंड बांध में अभी करीब 90 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है. ओडिशा के महानदी डेल्टा क्षेत्र में भारी बारिश और ओडिशा में बाढ़ की स्थिति के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष पहल के बाद हीराकुंड बांध के अधिकारियों ने हीराकुंड से पानी छोड़ने पर सहमति व्यक्त की है. अभी तक, हीराकुंड से लगभग 450000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जोकि इसकी क्षमता का लगभग आधा है. यही वजह है कि रायगढ़ और जांजगीर चांपा जिलों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बन गई है.
नदियों के किनारे बसे गांव में बाढ़ आने की संभावना
नदियों का जलस्तर बढ़ने से आस-पास के गांव में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. बाढ़ की संभावना को देखते हुए जांजगीर-चाम्पा और रायगढ़ जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव के लिए आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय कर दिया है. जिला प्रशासन ने आपदा राहत उपायों के लिए एनडीआरएफ आकस्मिकता की मांग की है. दोनों जिलों के बाढ़ संभावित गांव में मुनादी कराने के साथ ही निचले इलाकों से लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया है. यदि लगातार हो रही बारिश नहीं रुकी तो उक्त दोनों जिलों में महानदी के तटीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है.
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