Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में शुक्रवार की सुबह से हुई झमाझम बारिश ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर तबाही मचाई है. कोतवाली परिसर में एक विशालकाय पेड़ धराशायी हो गया है. जिसने 4 से 5 वाहन को अपनी चपेट में ले लिया. पुलिस ने अलग-अलग कार्रवाई के दौरान ये वाहन जब्त किए थे जो पेड़ गिरने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं भारी बारिश से जगदलपुर के एक दर्जन से ज्यादा वार्डों में पानी भर गया कई घर भी इससे प्रभावित हुए हैं. लगभग 100 से ज्यादा घरों में बारिश का पानी भर गया है.


मूसलाधार बारिश ने नगर निगम के सारे दावों की पोल खोल दी है. भारी बारिश से कई सड़कें भी नदियों में तब्दील हो गई है.


इन वार्डो में मचाई सबसे ज्यादा तबाही
भारी बारिश से सबसे ज्यादा बुरा हाल दंतेश्वरी वार्ड, गंगानगर वार्ड,दलपत सागर वार्ड, वीर सावरकर वार्ड, अटलबिहारी वार्ड और रमैया वार्ड का हुआ है. यहां 100 से अधिक घरों में बारिश का पानी घुटनों तक भर गया है. यही नहीं कई वाहन भी बारिश के पानी मे आधी डूब गए हैं. इसके अलावा इन वार्डो के गलियों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है.


बारिश ने खोली नगर निगम के दावों की पोल
दरअसल नगर निगम के जिम्मेदारों ने दावा किया था कि मानसून के मौसम से पहले खासकर  डुबान क्षेत्र में सभी नालों का चौड़ीकरण करने के साथ नए नालों का भी निर्माण किया गया है. इसके  बावजूद शुक्रवार को सुबह महज डेढ़ घंटे की भारी बारिश में इन दावों की पोल खोल दी. घरों में लबालब बारिश का पानी भर गया जिसको लेकर वार्ड वासियों में काफी नाराजगी है. इसके अलावा शहर की कई मुख्य सड़के भी नदियों में तब्दील हो गई. पानी की निकासी नहीं होने की वजह से सड़कों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. स्कूल और कॉलेज के सामने भी सड़कों पर लबालब पानी भरा है. जिसकी वजह से 6 ज्यादा स्कूल कॉलेज की छुट्टी कर दी गई.


सालों पुराना पेड़ हुआ धरशायी
भारी बारिश ने एक तरफ जहां शहरी क्षेत्र में तबाही मचाई है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी कई कच्चे मकान बारिश में ढह गई है. गांवो में भी जल भराव की स्थिति है. जगदलपुर शहर के कोतवाली परिसर में सालों पुराना एक विशालकाय पेड़ भी गिरा गया जिससे कोतवाली परिसर की बाउंड्री वॉल गिर गई. पेड़ के नीचे खड़े वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए. फिलहाल नगर निगम के आयुक्त हरेश मंडावी ने जल्द ही पानी के निकासी के लिए व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कही है और डुबान क्षेत्र में बारिश से प्रभावित लोगों को जरूरत पड़ने पर राहत शिविर में रखने की व्यवस्था भी की जाने की बात कही है.


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