Chhattisgarh News: भारतीय फिल्मों ने भारत का गौरव दुनिया में बढ़ाया है. दक्षिण भारत के 'आरआरआर' फिल्म के गाने 'नाचो नाचो' को ऑस्कर अवॉर्ड मिला है. इसके बाद फिल्मी दुनिया में जश्न का माहौल है. 'आरआरआर'  के अभिनेता रामचरण तेजा (Ram Charan), जूनियर एनटीआर (N. T. Rama Rao Jr.) और एसएस राजमौली (S. S. Rajamouli) की जमकर तारीफें हो रही हैं. इसी बीच छत्तीसगढ़ की तरफ से रामचरण तेजा को छत्तीसगढ़ आने का न्योता दिया गया है. इसको रामचरण तेजा ने स्वीकार भी कर लिया है.


दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार के सलाहकार गौरव द्विवेदी ने शुक्रवार की रात दिल्ली में अभिनेता रामचरण तेजा से मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक गमछे से उनका स्वागत और सम्मान किया है. इसके अलावा गौरव द्विवेदी ने अभिनेता रामचरण तेजा को छत्तीसगढ़ के वनोपज से बने रागी कुकिज शहद, इमली कैंडी का गिफ्ट हैंपर बॉक्स भी उनको उपहार स्वरूप भेंट किया. आपको बता दें की इसे छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और आदिवासी महिलाएं जंगल से जुटाकर तैयार करती है.


रामचरण तेजा ने न्योता स्वीकार किया
छत्तीसगढ़ सरकार के सलाहकार गौरव द्विवेदी ने एबीपी न्यूज को बताया कि अभिनेता रामचरण तेजा को छत्तीसगढ़ आने का न्योता दिया गया है. इसे रामचरण तेजा ने सहज स्वीकार किया है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य की फिल्म पॉलिसी और यहां के खूबसूरत नजारे के बारे में उन्हें बताया गया है. खास तौर पर दक्षिण छत्तीसगढ़ के बारे में भी बताया गया है. क्योंकि बस्तर संभाग में तेलगु फिल्मों का बड़ा प्रभाव है. छत्तीसगढ़ की प्रकृति देखकर रामचरण तेजा अभिभूत थे.


सुनी भगवान राम के ननिहाल की कहानी
गौरव द्विवेदी ने आगे बताया कि 'बहुत ही अच्छे और गर्मजोशी वाले माहौल में राजचरण तेजा से मिलना हुआ. रामचरण तेजा  बहुत ही हंबल और अच्छे इंसान हैं. उन्हें भगवान राम के ननिहाल की कहानी बताई है. छत्तीसगढ़ माता कौशल्या का मायका है. इसे जानकर रामचरण तेजा काफी खुश हुए और हैरान भी हुए. रामचरण तेजा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शुभकामनाएं दी है. उन्होंने वादा किया है जब भी मौका मिले वो जरूर छत्तीसगढ़ आना चाहेंगे. बहुत अच्छी मुलाकात रही है.'


भगवान राम ने अपने वनवास का 10 साल यहां बिताया
गौरतलब है कि रामायण काल में छत्तीसगढ़ को दक्षिण कौशल के नाम से जाना जाता था. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 30 किलोमीटर दूर चंदखुरी को माता कौशल्या की जन्मभूमि माना जाता है. इस लिहाज से चंदखुरी भगवान राम के ननिहाल के रूप में प्रसिद्ध है. भगवान राम ने अपने बाल्यपन का काफी समय अपने ननिहाल में बिताया है. वहीं वनवास के 14 वर्ष में से लगभग 10 वर्ष भगवान राम छत्तीसगढ़ के अलग-अलग स्थानों पर रहे हैं. 



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