Chhattisgarh News: यूक्रेन और रूस के बीच हो रही जंग से शेयर मार्केट में गिरावट लगातार दर्ज की जा रही है. जंग ने सप्लाई बाजार को भी काफी प्रभावित किया है. दोनों देशों में जंग की आंच छत्तीसगढ़ के बस्तर तक आ पहुंची है. बाजार में फूड आइटम्स की कीमत 20 फीसद तक बढ़ गई है. पिछले दो दिनों में अचानक फूड आइटम्स के दाम बढ़ने से व्यापारी घबरा गए हैं. ट्रांसपोर्टर और व्यापारियों का कहना है कि कीमतों में उछाल का कारण यूक्रेन-रूस का युद्ध है. थोक व्यापारी और ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि 2 दिन पहले तेल की कीमत प्रति लीटर 133 से 134 रुपये तक की थी, मगर शनिवार को दाम बढ़कर 158 से 159 तक हो गया. 15 लीटर तेल के टिन में 150 से 160 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. चावल, दाल की कीमत में भी प्रति किलो 3 से 4 रुपये का इजाफा हुआ है. महंगाई की मार का असर आम जनता पर पड़ा है. जानकारों का कहना है कि अगर दोनों देशों के बीच लड़ाई नहीं रुकी तो आने वाले दिनों में तेल और फूड आइटम्स की कीमतों में और भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.
दाल, चावल की कीमतों में भी बढ़ोतरी
थोक व्यापारियों ने बताया कि सामान की कीमत पर स्थानीय व्यापारियों का कोई कंट्रोल नहीं होता है. प्रतिदिन सामान का रेट मुंबई और रायपुर जैसे शहरों से खुलता है. उसी के हिसाब से पूरे प्रदेश में दाम तय होते हैं. सभी सेक्टर का यही हाल है. ऐसे में खाद्य सामानों की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी से परेशानी बढ़ गई है. व्यापारियों के मुताबिक जमाखोरी जैसी कोई स्थिति नहीं है. तेल के दाम में वृद्धि का कारण रूस -यूक्रेन के बीच युद्ध जरूर है, लेकिन दाल और चावल के दाम में बढ़ोतरी समझ से परे है, क्योंकि इसकी पूरी सप्लाई राष्ट्रीय स्तर पर ही होती है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि आपदा में अवसर को देखते हुए जमाखोरी भी हो सकती है. हालांकि प्रशासन का इस ओर अभी तक ध्यान नहीं गया है.
जमाखोरी पर होगी सख्त कार्रवाई
जानकारों का कहना है कि फिलहाल बस्तर में फूड आइटम्स जैसे चावल और दाल की कीमत बढ़ने का कारण युद्ध नहीं है. खाने के तेल का एक ब्रांड जरूर यूक्रेन से आता था. इसलिए इसके दाम में उछाल आया है. अन्य ब्रांड के तेल की कीमत में बढ़ोतरी की वजह सप्लाई का प्रभावित होना है. अन्य ब्रांड की मांग बढ़ी और दाम में अचानक वृद्धि आई है. खाद्य अधिकारी अजय यादव का कहना है कि बाजार में तेल और दाल, चावल की कीमत बढ़ने की जानकारी मिली है. इस मामले की जांच की जाएगी और जमाखोरी जैसी स्थिति होने पर व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.
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