Chhattisgarh News: मंदबुद्धि किशोरी से रेप के दोषी को 20 साल की सजा, पीड़िता ने दिया था बेटी को जन्म
Sarguja Crime News: सरगुजा में मंदबुद्धी रेप पीड़िता को परिजनों ने जबरन एक 50 वर्षीय व्यक्ति के साथ रहने को मजबूर कर दिया. परिजनों ने कहा कि पीड़िता कोई शादी नहीं करता इसलिए ऐसा करने पड़ा है.
Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के गांधीनगर थाना क्षेत्र में मंदबुद्धि 15 वर्षीय किशोरी के साथ रेप के मामले में फास्टट्रैक ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायलय में चली सुनवाई के बाद, आरोपी अर्जन चेरवा पिता नंदाराम (19) निवासी मेंड्राखुर्द गांधीनगर को संपूर्ण साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोषी ठहराते हुए 20 वर्ष सश्रम कारावास और अर्थ दंड से दण्डित किया है.
इस मामले की शासन की ओर से पैरवी अतिरक्ति लोक अभियोजक राकेश कुमार सिन्हा ने की. उन्होंने इस संबंध में बताया कि पीड़ित पक्ष के द्वारा 24 अप्रैल 2020 को गांधीनगर थाने में घटना की शिकायत दर्ज कराई गई थी. आरोप लगाया गया था कि घटना के छह माह पहले आरोपी उनके गांव में आया था और मंदबुद्धि किशोरी को घुमाने के बहाने एकांत स्थल पर ले जाकर रेप की वारदात को अंजाम दिया. घटना की जानकारी किसी ओर को देने पर आरोपी ने जान से मारने की धमकी भी दी. बार-बार रेप करने से किशोरी गर्भवती हो गई और उसने एक पुत्री को जन्म दिया.
इन मामलों में हुई सजा
इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने दोषी अर्जुन चेरवा को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (3), पॉक्सो एक्ट की धारा 05 (ठ)/ 06 और 05 (ञ-2)/ 06 के तहत 20-20 वर्ष सश्रम कारावास और एक-एक हजार रूपए अर्थदंड से दण्डित की है. अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर एक माह अतिरिक्त साधारण कारावास का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त पीड़िता को पांच लाख रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिए जाने को लेकर शासन से अनुशंसा की गई है.
'अधेड़ उम्र के साथ रहने को पीड़िता मजबूर'
अतिरिक्त लोक अभियोजक राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि इस घटना के बाद परिवार के सदस्यों के द्वारा पीड़िता को गांव के ही अपने से तीन गुना से अधिक उम्र के 50 वर्षीय ग्रामीण के साथ रहने के लिए मजबूर किया गया. अतिरिक्त लोक अभियोजक ने बताया कि नवजात बच्ची के साथ मंदबुद्धि पीड़िता को उक्त व्यक्ति के द्वारा अपना लिया गया है. परिजनों का कहना था कि इस घटना के बाद उनकी पुत्री से कौन विवाह करता? ऐसे में उन्होंने मजबूरन यह निर्णय लिया.
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