Chaitra Navratra Special: नए स्वर्ण मुख में भक्तों को दर्शन देंगी मां कुदरगढ़ी, 22 मार्च से शुरू होगा 15 दिवसीय कुदरगढ़ मेला
चैत्र नवरात्रि को लेकर सरगुजा के कुदरगढ़ मेले की तैयारियां जोरो पर हैं. इसके लिए सर्व सुविधा युक्त विशाल धर्मशाला का निर्माण किया जा रहा है. इस बार मां कुदरगढ़ी अपने नए स्वरूप से भक्तों को दर्शन देंगी.
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Chaitra Navratra Special: चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratra) को लेकर सरगुजा संभाग का सबसे प्रसिद्ध कुदरगढ़ मेले (Kudargarh Fair) की तैयारियां अंतिम चरणों पर है. इस बार मां कुदरगढ़ी अपने अलग स्वरूप में ही नजर आएंगी. मां बागेश्वरी देवी ट्रस्ट कुदरगढ़ (Maa Bageshwari Devi Trust Kudargarh) को दान में प्राप्त हुए आभूषणों से देवी का स्वर्ण चेहरा, मुण्ड माल और स्वर्ण छत्र बनाने का कार्य द्रुत गति से किया जा रहा है.
भव्य साज-सज्जा के साथ कुदरगढ़ महोत्सव की छटा इस बार अलग और निराली ही नजर आएगी. मां अपने नए स्वरूप और स्वर्ण मुख से भक्तों को दर्शन देंगी. हर वर्ष श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने आवश्यक तैयारियां और सुविधाएं भी पूर्ण की जा रही हैं. कुदरगढ़ धाम में चैत्र नवरात्रि पर कुदरगढ़ महोत्सव के आयोजन में देवी की विशेष पूजा के साथ विशाल मेले में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ मध्यप्रदेश, यूपी, बिहार, झारखण्ड, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, दिल्ली इत्यादि प्रांतों से बड़ी तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
सर्व सुविधा युक्त विशाल धर्मशाला की योजना
कुदरगढ़ धाम में महोत्सव सहित विभिन्न अवसरों पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए रात्रि विश्राम की सुविधा को लेकर एक सर्व सुविधायुक्त विशाल धर्मशाला बनाने की योजना ट्रस्ट की है. वर्तमान में ट्रस्ट लगभग विभिन्न यात्री प्रतिक्षालयों में बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं के विश्राम करने की व्यवस्था बनाती है. वर्तमान में सूरजपुर के मांगेराम अग्रवाल परिवार ने भी एक अत्याधुनिक धर्मशाला का निर्माण कराया है. मंदिर परिसर सहित पूरे रास्ते में साफ-सफाई और रंग रोगन का कार्य और क्षतिग्रस्त सीढ़ियों की मरम्मत के साथ पेंटिंग सहित रेलिंग का कार्य जोरों पर है. जगह-जगह बैठने की व्यवस्था के साथ दुर्घटनाओं की आशंकाओं के बीच रेलिंग सहित चबूतरों का भी निर्माण किया जा रहा है. प्रबंधन ने नीचे से लेकर देवी दरबार तक की सीढ़ियों को आकर्षक तरीके से पेंटिंग कर सजाया है.
सूरजधारा में स्नान रहेगा वर्जित, लगता है 2 किमी लंबा मेला
महोत्सव के दौरान सूरजधारा के प्राकृतिक झरने में स्नान पूर्णतः वर्जित रहेगा. मनोरम स्थान होने के साथ काफी तेज गति से गिरने वाले झरने के कारण खतरनाक स्थल के रूप में ध्यान रखते हुए पूरे सूरजधारा परिसर की बैरिकेटिंग की जाएगी. ताकि सेल्फी लेने वालों की उमड़ने वाली भीड़ के साथ स्नान करने वाले लोगों को भी रोका जाएगा. कुदरगढ़ महोत्सव के दौरान 15 दिनों का लगने वाला मेला और लाखों की संख्या में उपस्थित होने वाले श्रद्धालुओं के लिए मेला आकर्षण का केन्द्र रहता है. पूजा सामग्री और प्रसाद की दुकानों के साथ झूले, मीना बाजार, होटल, खिलौनो की दुकान, विभिन्न प्रकार के जल-पान के प्रतिष्ठान के साथ आकर्षक रूप से सजा मेला पूरे क्षेत्र में विख्यात है. सरगुजा संभाग के सभी जिलों से बड़ी संख्या में लोग लोक आस्था की देवी मां बागेश्वरी के दरबार में पहुंचते हैं.
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