Sarguja News: सरगुजा में ड्यूटी के दौरान IRTS अधिकारी की संदेहास्पद मौत, मां ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
Chhattisgarh News: सरगुजा संभाग में रेलवे में अधिकारी योगेन्द्र सिंह भाटी की ड्यूटी के दौरान संदेहास्पद मौत हो गई है. मृतक के मां और पिता ने दो सीनियर अफसरों को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
Sarguja News: सरगुजा संभाग में पदस्थ भारतीय रेलवे यातायात सेवा के युवा अधिकारी की संदेहास्पद मौत हो गई है. IRTS अधिकारी की मौत रेलवे ट्रैक में काम के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से हुई है. जिसके बाद परिजनों ने इस हादसे और मौत का ज़िम्मेदार बिलासपुर रेलवे डिविजन के बड़े अधिकारियों को ठहराया है. इधर इस हादसे के बाद दिवंगत रेल अधिकारी के परिजनों और मित्रों में काफी नाराजगी है और उन्होंने हादसे की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है.
IRTS अधिकारी की संदेहास्पद मौत पर उठे सवाल?
बिलासपुर कटनी रेलमार्ग पर अनुपपुर शहडोल के बीच अमलाई स्टेशन मौजूद है. जहां गुरुवार को नान इंटरलॉकिंग का काम चल रहा था. इस दौरान युवा अधिकारी योगेन्द्र सिंह भाटी की मौजूदगी में करीब 150 से ज़्यादा इंजीनियर, अधिकारी और मजदूर इंटरलॉकिंग के काम में लगे हुए थे. तभी योगेन्द्र भाटी बुढ़ार स्टेशन से रवाना हुई पेंसेजर की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई. ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि जिस लाइन में मरम्मत का काम चल रहा था. आखिर पैसेंजर ट्रेन उस ट्रैक से रवाना कैसे कर दी गई? और रवाना की तो फिर इतनी संख्या में मौजूद अधिकारी कर्मचारी क्या उनके ट्रेन की चपेट में आने का इंतजार कर रहे थे? क्या मौके पर मौजूद लोग उनको पैसेंजर ट्रेन की चपेट से नहीं बचा सकते थे?
चंद दिनों पहले हुई थी शादी
दरअसल योगेन्द्र भाटी 2018 यूपीएससी बैच में सलेक्ट होकर आए और आईआरटीएस अधिकारी बने थे. वो राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले थे. योगेन्द्र भाटी की शादी पिछले ही महीने 2018 बैच की IRTS अधिकारी वर्षा से हुई थी. जो मध्य प्रदेश के जबलपुर रेलवे डिविजन में पदस्थ हैं. जबकि योगेन्द्र सिंह भाटी पिछले एक साल से बैकुंठपुर में पोस्टेड थे.
पिता ने लगाये ये आरोप
रेल अधिकारी की रेल हादसे में मौत के बाद उनके पिता मोहन सिंह भाटी ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनके मुताबिक दिवंगत योगेन्द्र भाटी उनके एकलौते बेटे थे. पिछले दो साल से उनकी तबियत खराब होने के बावजूद बिलासपुर में बैठे उनके अधिकारी उन्हें कभी छुट्टी नहीं देते थे. पिता ने आरोप लगाया है कि मुझे ब्लड सुगर, ब्लड प्रेशर और यूरिन इंफेक्शन की बीमार के बाद भी बेटे को कभी छुट्टी नहीं दी गई.
मां ने जांच की गुहार लगाई
पिता ने आगे कहा, आईआरटीएस अधिकारी होने के बाद भी उनकी पोस्टिंग ऐसी जगह की गई. जहां बेटे के लिए आफिस और घर तक की व्यवस्था नहीं थी. इधर मृतक आफिसर की मां ने अपनी बेटे की मौत का जिम्मेदार दो सीनियर ऑफिसरों को ठहराया है. मां के मुताबिक वो एक इस बार यूपीएससी 2022 की तैयारी कर रहा था. इसी बात के कारण उसके सीनियर अधिकारी उसको मौखिक आदेश पर कभी शहडोल तो कभी कटनी तो कभी अम्बिकापुर भेज देते थे.
इस घटना के दौरान भी उसे कोई लिखित आदेश नहीं दिया था. काम के दौरान बिना सिग्नल के ही पेसेंजर गाड़ी छोड़ दी गई और बेटे की मौत हो गई. मां ने इस हादसे की लिखित शिकायत जीआरपी पुलिस चौकी अनुपपुर और जीआरपी थाना शहडोल को दी है. उनकी मौत पर संदेह जारी करते हुए. मामले की गंभीरता से जांच की गुहार लगाई है.
बिना सिग्नल के गाड़ी छोड़ना गलत- PRO
इस संबंध में रेलवे विभाग के पीआरओ साकेत रंजन का कहना है कि बिना सिग्नल के कोई कैसे गाड़ी छोड़ सकता है. ये गलत है. बिना सिग्नल के कोई गाड़ी चल ही नहीं सकती. अब हर कोई आरोप लगाएगा तो हम क्या कर सकते हैं. फिलहाल, मौके पर लोग गए हैं. जैसे ही वे आते है. उचित कार्रवाई करेंगे.