Kabirdham Tourist Destination: केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा इस साल छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के सरोधा-दादर गांव को राष्ट्रीय स्तर पर रजत श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार दिया गया है. सरोधा दादर को देश भर के 795 पर्यटन ग्रामों की प्रतियोगिता में विभिन्न मापदंडों के आधार पर सर्वश्रेष्ठ ग्राम के रूप में चुना गया. नई दिल्ली भारत मंडपम में आयोजित समारोह में सरोधादादर गांव के मंगल सिंह धुर्वे ने यह पुरस्कार लिया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, ग्राम सरोदा दादर को राष्ट्रीय स्तर पर रजत श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.


आपको बता दें, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कबीरधाम जिले में पर्यटन के विकास की संभावनाओं को विस्तार देने के लिए अलग-अलग प्रयास किए जा रहे हैं. ग्रामीण पर्यटन ग्राम सरोदा दादर के विकास के अध्ययन के लिए कलेक्टर जनमेजय महोबे, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल द्वारा राज्य के अलग-अलग जिलों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले इन्फ्लूएंसर को आमंत्रित कर भ्रमण कराया गया था. साथ ही कबीरधाम जिले में ग्रामीण पर्यटन के विकास की संभावनाओं के अध्ययन से अवगत भी कराया गया था.


सरोधादादर गांव इन मापदंडों पर पाया गया खरा  
पुरस्कार के लिए सरोधा-दादर का चयन देश भर के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 795 गांवों में से किया गया है. सरोधा-दादर को ग्रामीण पर्यटन के लिहाज से स्थानीय परिवेश और प्राकृतिक मूल्यों के साथ ही श्रेष्ठ गतिविधियों के कारण नौ विभिन्न खण्डों में श्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर ये पुरस्कार दिया गया. इनमें प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों के संरक्षण, आर्थिक आत्म-निर्भरता, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सामाजिक आत्म निर्भरता, अधो संरचना और परिवहन संपर्क जैसे मापदण्ड शामिल थे.


प्रदेश के 7 गांवों प्रतियोगिता में किया गया था शामिल
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरोधा-दादर की प्रविष्टि भेजने से पहले राज्य के भीतर जिले के अन्दर ही प्रतियोगिता आयोजित की गई. जिसमें सात गांवों को शामिल किया गया. इनमें से चौरा, डोंगरियाकला और सरोधा-दादर का चयन किया गया. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर तीन चरणों में स्पर्धा हुई. आवेदन पत्र के साथ ही सरोधा-दादर पर केन्द्रित पॉवरप्वाइंट प्रस्तुति और वीडियो भी भेजा गया. इसके अलावा इस गांव की विशेषताओं को प्रदर्शित करने वाले फोटोग्राफ भी भेजे गए.


सरोधादादर गांव में कौन-कौन से हैं पर्यटन स्थल
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय कवर्धा से करीब 50 किमी और चिल्फीघाटी से 5 किलोमीटर दूर स्थित सरोधा-दादर पर्वतों और घाटियों के बीच समुद्र तल से करीब 3 हजार फीट ऊंचाई पर स्थित है. यहां आम तौर पर पूरे साल पर्यटक आते रहते हैं. अक्टूबर माह से उनकी संख्या में बढ़ोतरी होने लगती है. ठंड के मौसम में यहां का तापमान कभी कभी शून्य से नीचे भी चला जाता है. यहां भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा इंग्लैंड, स्विट्जरलैंड और आस्ट्रेलिया से भी सैलानी आते हैं. 


खासतौर पर चिल्फीघाटी और सरोदा-दादर में प्रकृति का आनंद लेने के लिए पर्यटकों की आवाजाही बहुत अधिक रहती है. सरोधा-दादर में प्रकृति के सुन्दर नजारों के कारण ग्रामीण पर्यटन की बहुत अधिक सम्भावना है. सरोधा-दादर और पीड़ाघाट के पास एक वॉच-टॉवर भी बनाया गया है, जहां से सैलानी पर्वत और घाटी के सुन्दर दृश्य का आनंद ले सकते हैं. कवर्धा जिले में मुख्य रूप से बैगा आदिवासी निवास करते हैं, इनकी पारंपरिक जीवन शैली और संस्कृति सैलानियों को विशेष रूप से अपनी ओर आकर्षित करती है.


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