Bastar News: बस्तर के सर्व आदिवासी समाज ने प्रदेश के 50 विधानसभा में चुनाव में लड़ने का ऐलान किया है. कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री और सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक अरविंद नेताम (Arvind Netam) ने जगदलपुर में प्रेस वार्ता लेकर इसकी घोषणा की है. अरविंद नेताम ने बताया कि 50 सीटों में से 30  आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों पर समाज चुनाव लड़ेगी, जबकि अन्य 20 सीटों को भी चिन्हांकित कर लिया गया है. इन सामान्य सीटों में चुनाव लड़ने के लिए आदिवासी समाज के बैनर तले अलग-अलग समाज के लोगों को चुनाव में खड़े होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. अरविंद नेताम ने कहा कि इन 50 सीटों में बस्तर के 12 विधानसभा सीटों के साथ सरगुजा और प्रदेश के अन्य विधानसभा सीटों में भी समाज के सदस्य चुनाव लड़ेंगे. हालांकि अरविंद नेताम ने खुद चुनाव लड़ने के बाद से साफ इंकार कर दिया है.


50 सीटों में सर्व आदिवासी समाज उतरेगा प्रत्याशी 
छत्तीसगढ़ में सर्व आदिवासी समाज ने आगामी महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में समाज के उम्मीदवारों को चुनाव में उतारने का फैसला लिया है. कुल 50 सीटों में समाज चुनाव लड़ेगी, जिसमें से 30 आदिवासी आरक्षित सीट है. इसमें समाज अपना प्रत्याशी उतारेगा, इसके अलावा  20 सामान्य  सीट को चिन्हित किया गया है जिसमें समाज के काफी संख्या में मतदाता है वहां भी प्रत्याशी उतारने का प्रयास किया जा रहा हैं. इसके अलावा भी अन्य समाज को चुनाव लड़ने के लिए न्यौता दे रहे हैं कि जनरल सीट में हमारे बैनर तले चुनाव लड़ेंगे तो समाज के लोग उनकी पूरी मदद करेंगे. इस प्रकार से करीब 50 सीटों में सर्व आदिवासी समाज चुनाव मैदान में अपने प्रत्याशी उतरेगा. अरविंद नेताम ने कहा कि यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम सर्व आदिवासी समाज के बैनर पर नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि हम अलग से राजनीतिक दल बना रहे है. जिसकी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है और बहुत जल्द ही इसमें चुनाव आयोग फैसला कर लेगा और विधिवत रूप से पार्टी के नाम की घोषणा भी कर दी जाएगी. अरविंद नेताम ने कहा कि हालांकि अब तक उन्होंने कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ी है लेकिन जरूर छत्तीसगढ़ के प्रभारी कुमारी शैलजा को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के तरफ से उन्हें  मिले नोटिस का जवाब भेज दिया है. लेकिन अब तक आलाकमान से कोई जवाब नहीं आया है, हालांकि उन्होंने कहा कि सर्व आदिवासी  समाज चुनाव लड़ने का पूरा मन बना लिया है और इसके लिए वे पूरी तरह से समाज के साथ चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हो गए हैं.


आदिवासियों के हितों का हो रहा हनन
वही सर्व आदिवासी समाज के द्वारा चुनाव लड़ने को लेकर अरविंद नेताम ने कहा कि पिछले 15 सालों से सर्व आदिवासी समाज के लोग अपने संवैधानिक मांगों को लेकर जगह-जगह धरना प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे हैं. बीजापुर का सिलगेर आंदोलन इसका जीता जागता उदाहरण है. लंबे समय से बस्तर में आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है. उनके जल जंगल जमीन में उद्योग लगाने के नाम पर अवैध तरीके से उनके जमीन छीने जा रहे है. यही नहीं पेसा कानून के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, इसलिए आदिवासी समाज बस्तर के साथ-साथ सरगुजा में भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा हैं. यही वजह है कि अपने हितों की रक्षा के लिए समाज चुनावी मैदान में उतर रहा है. अरविंद नेताम ने कहा कि आदिवासी समाज बस्तर के 12 सीटों में तीसरे विकल्प के तौर पर उतरेगी और बस्तर के 12 विधानसभा सीटों के साथ अन्य 38 सीटों में भी अपने प्रत्याशी उतारेगी और भारी मतों से चुनाव जीतेगी. उन्होंने कहा कि समाज ने चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है, जल्द ही विधिवत रूप से पार्टी के नाम की घोषणा भी कर दी जाएगी.


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