Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में पिछले एक सप्ताह में हुए तीन बड़ी घटनाओं के विरोध में सर्व आदिवासी समाज ने मंगलवार को बस्तर बंद बुलाया है और इस बंद का व्यापक असर बस्तर जिले में देखने को मिल रहा है. शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सभी व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर इसका समर्थन किया है. बस्तर चैंबर ऑफ कॉमर्स का भी बंद को समर्थन मिलने से सुबह से ही सभी संस्थान बंद दिखी.
दरअसल बीते 30 दिसंबर को जगदलपुर शहर से लगे बड़े बोदल गांव में शव दफन के मामले को लेकर दो पक्षों में हुए विवाद के बाद विशेष समुदाय के लोगों ने गांव सरपंच और स्थानीय ग्रामीणों की बुरी तरह से पिटाई कर दी थी, जिसको लेकर धर्मांतरण का मुद्दा फिर गरमाया, इसके साथ ही बीते 1 जनवरी को बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या और 6 जनवरी को बीजापुर जिले के कुटरू-बेदरे मार्ग पर अम्बेली के पास एंटी नक्सल ऑपरेशन से लौट रहे जवानों से भरी स्कार्पियो को नक्सलियों द्वारा ब्लास्ट किया गया, जिसमें 8 जवानों की शहादत होने के साथ ही एक वाहन चालक भी मारा गया. इन तीनों बड़ी घटनाओं के विरोध में सर्व आदिवासी समाज ने बंद बुलाकर अपना विरोध जताया है.
राज्यपाल के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश संयोजक राजाराम तोड़ेम ने कहा कि बस्तर में लगातार धर्मांतरण के मामले बढ़ते जा रहे हैं और विशेष समुदाय के लोग आक्रामक होकर मूल आदिवासियों पर हमला भी कर रहे हैं, इसलिए बस्तर बंदकर विरोध प्रदर्शन के जरिये राज्य सरकार से धर्मांतरण रोकने ठोस कदम उठाए जाने की मांग सर्व आदिवासी समाज द्वारा की जा रही है.
इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ''जिस तरह से बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर द्वारा भ्रष्टाचार की खबर दिखाए जाने के बाद ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उसके अन्य भाइयों द्वारा निर्ममता पूर्वक हत्या की गई है. उन सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर और बीजापुर के कुटरू में हुए नक्सली हमले की कड़ी निंदा करते हुए प्रदेश के राज्यपाल के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है''. इधर सर्व आदिवासी समाज द्वारा बुलाए गए इस बंद को विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और बस्तर के सभी समाज का पूरा समर्थन मिला.
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