Indravati River News: छत्तीसगढ़ में बस्तर की  प्राणदायिनी कहे जाने वाले इंद्रावती नदी में तेजी से  सूखते जलस्तर को लेकर इंद्रावती बचाओ मंच ने चिंता जाहिर करते हुए एक बार फिर सरकार को जगाने नदी पदयात्रा की शुरुआत करने की बात कही है , 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर इंद्रावती बचाओ मंच  की अगुवाई में सैकड़ों बस्तरवासी विश्व के प्रसिद्ध चित्रकोट वाटरफॉल  से बीजाकसा तक करीब 8 कि.मी तक नदीयात्रा करेंगे, और सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे.


इंद्रावती बचाओ मंच के सदस्यों का कहना है कि इंद्रावती नदी लाखो बस्तरवासियों  की जीवनदायिनी नदी है लेकिन साल दर साल नदी का जल स्तर घटता ही जा रहा है और इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों गंभीर नहीं हैं. इसके चलते भीषण गर्मी में बस्तरवासी 5 जून को नदी यात्रा निकालकर जोरानाला विवाद को खत्म करने की मांग करेंगे.


बस्तरवासी कर रहे जोरा नाला विवाद खत्म करने की मांग


दरअसल, लंबे समय से बस्तरवासी इंद्रावती नदी के संवर्धन और संरक्षण की मांग कर रहे हैं ,पिछले कुछ सालों से गर्मी के मौसम में इंद्रावती नदी का पानी तेजी से घट रहा है, जिसको बचाने के लिए बस्तर के बुद्धिजीवियों ने  इंद्रावती बचाओ मंच  का गठन किया है,और साल 2019 में सूखती इंद्रावती नदी को बचाने  करीब 140 कि. मी की नदी यात्रा कर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के बाद नदी को बचाने इंद्रावती विकास प्राधिकरण का गठन तो हुआ लेकिन अब तक नदी को बचाने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया है.


इंद्रावती बचाओ मंच के सदस्य किशोर पारख, संपत झा, संतोष जैन, पद्मश्री धर्मपाल सैनी और उर्मिला आचार्य समेत अन्य सदस्यों  का कहना है कि उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर में स्थित जोरा नाला में ओडिशा सरकार के द्वारा बनाये गए बांध की वजह से उड़ीसा से बस्तर की ओर बहने वाली इंद्रावती नदी का बहाव काफी कम हो गया है और बस्तर की ओर नहीं के बराबर पानी आ रहा है. इस वजह से जगदलपुर से लेकर बीजापुर जिले तक इस नदी के पानी में आश्रित रहने वाले बस्तरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


नदी का जलस्तर सूखने की कगार पर


किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है. वहीं, देश में प्रसिद्ध चित्रकोट वाटरफॉल भी सूखता नजर आ रहा है. ऐसे में लंबे समय से दोनों ही सरकारों के बीच चल रहे जोरा नाला विवाद को खत्म करने की मांग इंद्रावती बचाओ मंच के साथ-साथ बस्तरवासी भी कर रहे हैं. सदस्यों का कहना है कि वर्तमान में इंद्रावती नदी का जलस्तर सूखने की कगार पर है. ऐसे में जल्द ही इस पर ठोस कदम नहीं उठाया जाता है तो इंद्रावती नदी का अस्तित्व खतरे में है.


इसी को लेकर 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर इंद्रावती बचाओ मंच के तत्वाधान में 8 किलोमीटर की पदयात्रा निकाली जा रही है. इसमें जगदलपुर शहरवासियो के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के भी सैकड़ों लोग इस नदी पदयात्रा में शामिल होंगे और सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए जल्द ही इंद्रावती नदी को बचाने के लिए जोरा नाला विवाद खत्म करने की मांग करेंगे.