Chhattisgarh News: धान का सीजन आते ही राइस मीलर, धान खरीदी समिति प्रबंधक, खाद्य विभाग और कृषि उपज मंडी के अधिकारी कर्मचारियों की लॉटरी लग जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकारियों की सांठ-गांठ की बदौलत राइस मिल धान और चावल की जमकर अफरा-तफरी करते हैं. जिससे सरकार को हर साल करोड़ों का चूना लगता है. ऐसा ही एक मामला सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में सामने आया है. जहां एक राइस मिल में अवैध तरीके से धान की खरीदी बिक्री हो रही थी. इस राइस मिल को प्रशासन ने फिलहाल सील कर दिया है. 


संभाग मुख्यालय अंबिकापुर से लगे भिट्टी कला गांव में संचालित मां शीतला राइस मिल को मगंलवार देर रात जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार ने सील कर दिया. दरअसल, इस मिल पर अवैध तरीके से धान खपाने की खबर मिल ने के बाद इलाके की मणिपुर चौकी पुलिस ने यूपी नंबर की एक पिकअप का पीछा किया. जो अवैध रूप से धान को शीतला राइस मिल में खपाने पहुंचा था. जिसके बाद पुलिस को देखकर पिकअप ड्राइवर वाहन छोड़कर मौके से भाग गया और फिर इसकी सूचना कलेक्टर भोस्कर विलास संदीपान के माध्यम से खाद्य विभाग तक पहुंची. 


राइस मिल को लॉक कर फरार हो गए मालिक
जब तक खाद्य विभाग के अधिकारी और कृषि उपज मंडी के अधिकारी मौके पर पहुंचे तब तक राइस मिल के दोनों मालिक और कर्मचारी मिल को दोनों तरफ से लॉक करके गायब हो चुके थे. सीएसपी स्मृतिक राजनाला और मणिपुर प्रभारी ने राइस मिल के दूसरी तरफ के रास्ते से जाकर मिल के मुंशी को धर दबोचा और उससे मिल का ताला खुलवाया. तब जाकर खाद्य और मंडी के अधिकारी अंदर पहुंचे. खाद्य विभाग से सहायक खाद्य निरीक्षक ने फोन कर राइस मिल के मालिकों को वहां आने के लिए कहा, लेकिन 4 घंटे बीत जाने के बाद भी जब राइस मिल के मालिक नहीं पहुंचे तो खाद्य अधिकारी ने राइस मिल में अवैध धान खपाने पहुंची पिकअप से 60 बोरी अवैध धान को जब्त कर पुलिस को सुपुर्द कर दिया . 


राइस मिल को किया सील 
राइस मिल संचालकों के वहां नहीं पहुंचने और मिल के अंदर अवैध तरीके से धान खपाने और भौतिक सत्यापन के लिए मिल के स्टॉक रजिस्टर नहीं मिल ने पर तहसीलदार ने राइस मिल को सील कर दिया. तहसीलदार ने कहा कि शीतला राइस मिल को लेकर उन्हें सूचना मिल ी थी कि यहां अवैध रूप से धान लाई जा रही है. यहां मौके पर पहुंचे तो अवैध रूप से लाई गई धान की पिकअप की पकड़ी गई. जिसको पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया है. जब मिल के मालिक आएंगे उनके सामने मिल को खोलकर उसका भौतिक सत्यापन किया जाएगा. 


यह भी पढ़ें: Sukma: अपने आकाओं की प्रताड़ना से परेशान हुआ 1 लाख का इनामी नक्सली, किया सरेंडर, 15 सालों से था एक्टिव