Chhattisgarh News: आरक्षण में कटौती के खिलाफ छत्तीसगढ़ में एक वर्ग काफी नाराज दिख रहा है. बस्तर में अनुसूचित जाति वर्ग ने सरकार के फैसले का विरोध कर नाराजगी जताई है. मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में आरक्षण को यथावत 16 फीसद रखने की मांग की गई है. सर्व अनुसूचित जाति समाज, सतनामी समाज, बौद्ध समाज और घांसी समाज के लोगों ने चेतावनी दी है कि आपक्षण वापस नहीं होने छत्तीसगढ़ में उग्र आंदोलन किया जाएगा. आपको बता दें कि 4 वर्गों में आरक्षण को बांटा गया है. अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 फीसद, ओबीसी वर्ग के लिए 27 फीसद और ईडब्ल्यूएस के लिए 4 फीसद के साथ ही अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसद आरक्षण तय किया गया है.


आरक्षण में कटौती से अनुसूचित जाति वर्ग नाराज


छत्तीसगढ़ विधानसभा ने आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 पारित कर दिया है. एससी वर्ग के आरक्षण को 13 फीसद किए जाने पर अनुसूचित समाज जिला अध्यक्ष विक्रम लहरे और सतनामी समाज शहर जिला अध्यक्ष हीरालाल चंदेल ने कहा कि न्याय संगत नहीं है. 2012 में भी आरक्षण को 12 फीसद कर दिया गया था. लेकिन उच्च न्यायालय ने कटौती को अवैधानिक बताते हुए निरस्त कर दिया था. हाईकोर्ट के फैसले के बाद से 16 फीसद आरक्षण का लाभ एससी वर्ग को मिलने लगा और अब एक बार फिर छत्तीसगढ़ सरकार का 16 फीसद से घटाकर 13 फीसद आरक्षण विधेयक पारित करना सरासर गलत है.


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ज्ञापन सौंपकर फैसले को वापस लेने की मांग की


अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों का कहना है कि सर्वे के आधार पर जनगणना नहीं होने तक 16 फीसद आरक्षण को घटाना या संशोधन करना औचित्यहीन है. अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण को 16 फीसद से घटाकर 13 फीसद रखने पर विरोध बड़े स्तर पर होगा और छत्तीसगढ़ में उग्र आंदोलन किया जाएगा. अनुसूचित जाति वर्ग ने मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आरक्षण में कटौती के फैसले को वापस लेने की मांग की है.