Chhattisgarh News: नक्सल दहशत से बेहाल इस गांव में पहली बार बजी स्कूल की घंटी, बच्चों का बना जाति प्रमाण पत्र
Batar: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के सबसे आखिरी छोर में स्थित नक्सल प्रभावित चांदामेटा गांव में पहली बार स्कूल की घंटी बजी और अब पहली बार स्कूली छात्रों की जाति प्रमाण पत्र बनाए गए है.
![Chhattisgarh News: नक्सल दहशत से बेहाल इस गांव में पहली बार बजी स्कूल की घंटी, बच्चों का बना जाति प्रमाण पत्र School bell rang for the first time in this village suffering from Naxal terror, caste certificate made by children ann Chhattisgarh News: नक्सल दहशत से बेहाल इस गांव में पहली बार बजी स्कूल की घंटी, बच्चों का बना जाति प्रमाण पत्र](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/09/14a37de68d93a933f5462ee01dd3fb4f1691587598499774_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के सबसे आखिरी छोर में स्थित नक्सल प्रभावित चांदामेटा गांव की तस्वीर अब बदल रही है. आजादी के 75 साल बाद इसी सत्र में पहली बार इस गांव में स्कूल की घंटी बजी और अब पहली बार इस गांव के स्कूली छात्रों की जाति प्रमाण पत्र बनाए गए है. विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day 2023) के मौके पर जिला प्रशासन ने इन आदिवासी स्कूली छात्रों को जाति प्रमाण पत्र दिया. दरअसल दरभा ब्लॉक के चांदामेटा गांव में नक्सलियों के दहशत की वजह से प्रशासन की टीम कभी इस गांव तक नहीं पहुंच पाई और इस गांव के ग्रामीण सरकार के सभी योजनाओ और विकास कार्यों सेअछूते थे. यहां के बच्चों ने ना कभी स्कूल देखा और ना ही उन्हें जाति प्रमाण पत्र और जन्म प्रमाण पत्र की जानकारी थी. लेकिन 2 साल पहले इस गांव में पुलिस कैंप खुलने के बाद लगातार हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के बाद नक्सली बैकफुट पर आए और इसी साल नए स्कूल भवन का निर्माण किया गया और अब यहां स्कूल लगने के साथ बच्चो के जाति प्रमाण पत्र भी बनाए जा रहे हैं. खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज आदिवासी सभा मंच में इन स्कूली बच्चों को जाति प्रमाण पत्र दिया.
पहली बार गांव में लग रही प्राथमिक स्कूल
बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि चांदामेटा गांव नक्सली दहशत की वजह से काफी पिछड़ा हुआ क्षेत्र है. सैकड़ो की संख्या में आबादी वाले इस गांव तक पहुंचने के लिए कोई सड़क मार्ग नहीं था. यहां के बच्चे स्कूली शिक्षा से भी पूरी तरह से वंचित थे, लेकिन पिछले दो सालों से लगातार प्रशासन के द्वारा पूरी सुरक्षा के बीच चांदामेटा गांव तक सड़क निर्माण कार्य कराने के साथ पहली बार इस साल स्कूल भवन का भी निर्माण कराया गया और इस सत्र से पहली से पांचवी तक यहां स्कूल भी लग रही है. या यू कहे की आजादी के 75 साल बाद इस गांव में स्कूल की घंटी बज रही है. इस गांव को पहली प्राथमिकता देते हुए लगातार यहां रहने वाले लोगों के राशन कार्ड, आधार कार्ड और अब स्कूली छात्रों के जाति प्रमाण पत्र बनाने का काम भी किया जा रहा है. लगातार प्रशासन की टीम गांव में शिविर लगाकर ग्रामीणों की समस्या को दूर करने में जुटी हुई है.
मुख्यमंत्री आदिवासी स्कूली छात्रो का जाति प्रमाण पत्र दिया
कलेक्टर विजय दयाराम ने आगे बताया कि, विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर इस चांदामेटा गांव से पहुंचे छोटे-छोटे स्कूली छात्रों को जाति प्रमाण पत्र दिया गया. खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व आदिवासी दिवस के मौके आदिवासी सभा मंच में चांदामेटा के 4 आदिवासी स्कूली छात्रो का जाति प्रमाण पत्र दिया. वहीं कलेक्टर ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पहली बार चांदामेटा में मतदान केंद्र बनाया जाएगा. नए स्कूल भवन में मतदान केंद्र बनाने की योजना है और अब इस क्षेत्र के ग्रामीण चांदामेटा गांव में ही बनने वाले केंद्र में मतदान कर सकेंगे.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)