Chhattisgarh: सरगुजा जिले में बिना परमिट और फिटनेस के चल रहीं हैं स्कूल बसें, परिवहन विभाग करने जा रहा बड़ी कार्रवाई
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के साथ ही संभाग के निजी स्कूलों में संचालित हो रही स्कूल बसों को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. ज्यादातर स्कूल बसें बिना परमिट व फिटनेस के ही संचालित हो रही हैं
Surguja News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के साथ ही संभाग के निजी स्कूलों में संचालित हो रही स्कूल बसों को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है. ज्यादातर स्कूल बसें बिना परमिट व फिटनेस के ही संचालित की जा रही है. स्कूल बस संचालक अपनी आमदनी के चक्कर में नियम विरूद्ध तरीके से स्कूल से स्कूल बसों का संचालन कर बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रहे है. सिर्फ सरगुजा जिले की बात की जाए तो वर्तमान में 58 स्कूल बसें बिना परमिट व फिटनेस प्रमाण पत्र के ही संचालित हो रही है. ऐसे में अब आरटीओ द्वारा इन स्कूली बसों के जब्ती का अभियान शुरू करने की बात कही जा रही है और कुछ बसों पर विभाग द्वारा कार्रवाई भी की गई है, लेकिन नोटिस व कार्रवाई के बाद भी बस संचालक इसे गंभीरता से नहीं ले रहे है.
बता दें कि, संभाग के साथ ही सरगुजा जिले में बच्चों को घर से स्कूल तक लाने और स्कूल से घर तक छोड़ने के लिए बसें संचालित की जाती है. इन स्कूल बसों की सेवा के नाम पर प्रबंधन द्वारा बच्चों के अभिभावकों से भारी भरकम फीस की वसूली की जाती है, लेकिन स्कूल बस संचालक व स्कूल प्रबंधन बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है. इस बात का खुलासा खुद आरटीओ के आंकड़ों से हो रहा है. स्कूल बसों के संचालन को लेकर जिले में जो जानकारी है. उसके मुताबिक लगभग 476 बसें स्कूली बच्चों को सेवा प्रदान करने के नाम पर पंजीकृत है. इनमें से सिर्फ सरगुजा जिले में सर्वाधिक 265 स्कूल बस संचालित है. हैरानी की बात तो यह है कि आरटीओ विभाग द्वारा चलाए गए जांच अभियान और लगातार दिए जा रहे नोटिस व कार्रवाई के बाद सिर्फ 207 बसों के संचालकों के पास ही स्कूल बसों के संचालन का परमिट और फिटनेस प्रमाण पत्र है. इसके अलावा 58 बसों के संचालकों द्वारा अब तक परमिट व फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए आरटीओ में जांच नहीं कराया गया है.
दीगर जिलों में 211 संचालित
कमोबेश यही स्थिति संभाग के अन्य जिलों की भी है. सरगुजा के अलावा सूरजपुर, बलरामपुर व अन्य जिलों में संचालित स्कूल बसों को भी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से ही परमिट जारी किया गया है. सरगुजा के अलावा अन्य जिलों में 211 स्कूल बसें संचालित है और इनमें से भी ज्यादातर बसों के संचालकों द्वारा अपने परमिट व फिटनेस की जांच नहीं कराई गई है. आरटीओ द्वारा दूसरे जिलों के परिवहन कार्यालय से ऐसे स्कूल बसों की जानकारी मंगवाने की बात कही जा रही है.
शुरू की गई बसों को सीज करने की प्रक्रिया
सरगुजा जिले व संभाग में अवैध रूप से संचालित स्कूल बसों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के अनुसार 12 वर्षों तक ही किसी भी बस को स्कूल सेवा का परमिट दिया जाता है और उसके बाद स्कूल बस का पंजीयन स्वमेव निरस्त माना जाता है. पंजीयन निरस्त होने के बाद स्कूल बसों का संचालन यात्री यान के रूप में उपयोग कर सकते है. वहीं बिना परमिट व अवैध रूप से संचालित बसों के स्वामियों को आरटीओ द्वारा नोटिस प्रदान किया गया है और अब उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. विभाग द्वारा ऐसे बसों की सूची तैयार की जा रही है. जिसे उड़नदस्ता को दिया जाएगा. वर्तमान में विभाग द्वारा अवैध रूप से संचालित एक निजी स्कूल बस को गोधनपुर से जब्त किया गया, जबकि टैक्स व जुर्माना की कार्रवाई भी की गई है.
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का बयान
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सीएल देवांगन ने बताया कि, दूसरे जिलों से स्कूल बसों की जानकारी मंगाई गई है. सभी को नोटिस जारी किया गया है और अब बिना परमिट व फिटनेस के संचालित स्कूली बसों की सूची तैयार की जा रही है, जिसे उड़नदस्ता को दिया जाएगा. उड़नदस्ता की टीम द्वारा स्कूल बसों पर कार्रवाई की जाएगी. जो स्कूल बस संचालक स्वेच्छा से परमिट की जांच व फिटनेस टेस्ट कराने के साथ ही टैक्स नहीं पटाएंगे, उनपर जब्ती की कार्रवाई की जाएगी.