Chhattisgarh news: छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूली बच्चों की गर्मी छुट्टी 10 दिन और बढ़ाया गया है. 16 जून से नए सत्र(New season) की शुरुआत के साथ स्कूल (school open) खुलने वाले थे. लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 26 जून तक सभी स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए है. इसके बाद जल्द ही स्कूल शिक्षा विभाग(education department) ki तरफ से सभी आदेश जारी किया जाएगा.
छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों की गर्मी छुट्टी 10 दिन बढ़ी
दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को गर्मी छुट्टी को बढ़ाने के निर्देश दिए है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब भीषण गर्मी की वजह से सभी स्कूल 26 जून तक बंद रहेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में गर्मी और लू से बच्चों की सुरक्षा जरूरी के लिए निर्देश जारी किया गया है.आपको बता दें की इससे पहले स्कूल शिक्षा विभाग सालाना परंपरा के अनुसार 16 जून से स्कूल शुरू करने की तैयारी में जुट गया था. लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बच्चों को बड़ी राहत मिली है.
मानसून की देरी के चलते स्कूलों में गर्मी छुट्टी बढ़ी
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में अक्सर 10 जून के आस पास मानसून(Mansoon) की दस्तक हो जाती थी. राज्य में लोगों को स्कूल खुलने की तारीख तक भीषण गर्मी(heat stroke)से राहत मिल जाती थी. लेकिन मानसून आने में हो रही देरी के कारण अभी लू चलने की स्थिति है. लगातार 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया जा रहा है. दोपहर की चिलचिलाती गर्मी से लोगों की परेशानी बढ़ रही है. हालाकि मौसम विभाग(weather department) की तरफ से अनुमान लगाया जा रहा है अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट दर्ज होगी और 18 से 20 जून या उसके कुछ दिन आगे तक मानसून आने की संभावना है.
16 जून को स्कूल खोलने की चल रही थी तैयारी
गौरतलब है कि राज्य में स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से 16 जून को स्कूलों में कक्षाएं लगनी शुरू होने वाली थी. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से व्यापक तैयारी की जा रही थी. एक महीने तक प्रवेश उत्सव मनाने की रूपरेखा तक जारी हो चुके थे. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने सभी जिला कलेक्टर और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया है. शाला प्रवेश उत्सव (school entrance ceremony) को जन-जन का अभियान बनाने के लिए व्यक्तिगत रूचि लेते हुए इसे सभी स्तर पर सफल बनाएं ताकि 100 प्रतिशत बच्चों को स्कूलों में एडमिशन हो सके.