Chhattisgarh: जशपुर में शिक्षा विभाग की लापरवाही, कहीं 'राम भरोसे स्कूल' तो कहीं दो-दो हैं हेडमास्टर, जिम्मेदार कौन?
जशपुर जिले में दिसंबर में लगभग 1100 से अधिक असिस्टेंट टीचरों का प्रमोशन किया गया. प्रमोशन के बाद 1100 टीचरों को हेडमास्टर बनाया गया और उन्हें जिले के विभिन्न स्कूलों में पदस्थ किया गया.
Schools In Jashpur: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कई स्कूल ऐसे हैं जो प्रभारी हेडमास्टर के भरोसे चल रहे हैं, लेकिन ऐसे भी कई स्कूल हैं जहां पर एक नहीं बल्कि दो-दो हेडमास्टर पदस्थ हैं. ऐसे में जिले में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिले के दो दर्जन से अधिक स्कूलों मे पिछले कई महीनों से दो-दो हेडमास्टर पदस्थ हैं. दरअसल, जशपुर जिले में दिसंबर माह में लगभग 1100 से अधिक असिस्टेंट टीचरों का प्रमोशन किया गया.
प्रमोशन के बाद 1100 टीचरों को हेडमास्टर बनाया गया और उन्हें जिले के विभिन्न स्कूलों में पदस्थ किया गया, लेकिन इन पदस्थापना में जमकर गड़बड़ियां की गई. दो दर्जन से अधिक स्कूलों में दो हेडमास्टर पदस्थ हो गए. जहां स्कूलों में पूर्व से ही हेडमास्टर पदस्थ हैं, उन्ही स्कूलों में फिर से एक और हेडमास्टर को पदस्थ कर दिया गया.
अब जिले के इन स्कूलों में दो हेडमास्टर एक ही स्कूल में पदस्थ हैं और कई स्कूल प्रभारी हेडमास्टर के भरोसे चल रहा है. दिसंबर माह में इन सभी नियुक्तियों व पदोन्नति के बारे में जब डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर (DEO) से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ये सभी पदोन्नति और नियुक्तियों को जिले की पूर्व डीईओ मधुलिका तिवारी ने किया है. इस मामले की जांच कर जांच रिपोर्ट शासन को भेजने की बात वर्तमान डीईओ जेके प्रसाद ने की है. वहीं स्थानीय लोगों ने मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कही है.
प्राथमिक शाला जिलिंग की हेडमास्टर रंजू नागेशिया ने बताया कि वह पहले प्राथमिक शाला किलिंग में पदस्थ थी और इस स्कूल में 30 दिसंबर 2022 में पदस्थ हुई हैं. यहां तीन शिक्षक है, जिसमें दो हेडमास्टर है. एक असिस्टेंट टीचर है. एक स्थानीय निवासी ने बताया कि जशपुर जिले की शिक्षा विभाग की विडंबना है. एक तरफ कई स्कूल ऐसे है, जहां टीचर ही नहीं है और कई स्कूल में दो-दो हेडमास्टर है. इससे बच्चों की पढ़ाई गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है. शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की लापरवाही है कि उन्हें इस बात का अंदाजा ही नहीं है कि जिस स्कूल में पहले से हेडमास्टर है, उसी स्कूल में दूसरे हेडमास्टर को पदोन्नति देकर नियुक्ति किस आधार पर दिया गया है. जिला प्रशासन को जल्दी से ऐसे विवादों का निपटारा करके बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए.
इस संबंध ने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO)जेके प्रसाद ने बताया कि सहायक शिक्षक से प्राथमिक स्कूलों में प्रधान पाठक में पदोन्नति हुई है. पदोन्नति दिसंबर माह में हुई है. उस समय मधुलिका तिवारी यहां की डीईओ थी. अगर हमें किसी स्कूल में डबल डबल प्रधान पाठक होने की जानकारी या लिस्ट मिलती है तो इसकी जांच होगी और शासन को कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेंजेंगे.
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