(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: औलाद की तरह करते हैं मवेशियों की सेवा, अपनी सैलरी से उठाते हैं पूरा खर्च
Janjgir-Champa News: द्रोपत सिंह यादव बताते हैं कि आये दिन सड़कों पर घायल होते पशुओं को देखता हूं, तो बहुत पीड़ा होती है. मवेशी भी उनके आसपास घूमते रहते हैं.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में शिवरीनारायण तहसील के अंतर्गत राजस्व निरीक्षक कार्यालय में चेनमैन के पद पर पदस्थ द्रोपत सिंह यादव मवेशियों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं. द्रोपत सिंह सड़कों पर घूमने वाले मवेशियों के लिए चारा-पानी की व्यवस्था अपने पैसे से करते हैं. सड़क दुर्घटना में घायल पशुओं की देखभाल के लिए भी वह हमेशा तत्पर रहते हैं. द्रोपत सिंह सड़क दुर्घटना में घायल पशुओं की मलहम पट्टी कराकर उनकी सेवा करते आ रहे हैं.
द्रोपत सिंह यादव बताते हैं कि आये दिन सड़कों पर घायल होते पशुओं को देखता हूं, तो बहुत पीड़ा होती है. द्रोपत सिंह की कोई औलाद नहीं हैं, लेकिन वे पशुओं को ही अपना बच्चा मानते हैं और बच्चों की तरह उनकी सेवा करते हैं.
पशुओं के प्रति स्नेह और सेवा को देखते हुए आवारा मवेशी भी उनके आसपास घूमते रहते हैं, उनका पशुओं से खासा लगाव है. वे अपने निजी खर्चे से गायों के लिए चारा खरीदते हैं और सुबह शाम गायों को खिलाते हैं. इसके अलावा द्रोपत सिंह अपने पास आने वाले जानवरों को अपने हाथों से रोटी बना कर रोजाना खिलाते हैं.
20 वर्षों से कर रहे गायों की सेवा
बता दें कि राजस्व निरीक्षक कार्यालय के पास बड़ी संख्या में मवेशियों का डेरा लगा रहता है. कार्यालय आने वाले लोग भी यादव के गायों के प्रति लगाव की प्रशंसा करते नहीं थकते हैं. ये 20 वर्षों से गायों की सेवा में लगे हुए हैं. द्रोपत सिंह यादव कहते हैं कि जानवर बेजुबान होते हैं, वे अपनी पीड़ा किसी को नहीं बता सकते. इसलिए इनकी सेवा करने का भाव मन में जागा. उन्होंने कहा कि आये दिन सड़कों पर काल कलवित होते पशुओं को देखकर मन में बहुत पीड़ा होती है. सरकार के द्वारा गांवों में गौठान तो बनाया तो गया, लेकिन गौठान में चारा-पानी की व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण मवेशी सड़कों पर बैठे रहते हैं, जिस कारण दुर्घटना ज्यादा होती है.
सरकार को बेहतर कार्य योजना बनाकर पशुओं के संरक्षण में विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि पशु धन को बचाया जा सके. द्रोपत सिंह यादव की जिंदगी दिन-रात बेजुबान पशुओं की देखभाल में गुजर रहा है. रोड पर घूम रहे मवेशियों की तकलीफ को देखकर द्रोपत का आंखें भर आती है. वे इन जानवरों की सेवा में रात-दिन लगे रहते हैं. द्रोपत सिंह इसी सेवा को अपनी जिंदगी का मकसद मान कर जी रहे हैं.
सैलरी से करते हैं मवेशियों के लिए खर्च
द्रौपत सिंह यादव शिवरीनारायण में राजस्व विभाग में चेनमैन के पद पर पदस्थ हैं. वो अपने महीने की सैलरी से मवेशियों के चारे-पानी के लिए अलग से खर्च निकालते हैं. वहीं घायल पशुओं में लगने वाले दवाई पानी का खर्चा भी खुद करते हैं. वे चारा के लिए अपने सैलरी से खर्च कर बेजुबान जानवरों की सेवा करना ही अपना धर्म मानते हैं. उनकी इस सेवा भाव को देखकर द्रौपत के घर वाले भी उनका हाथ बंटाते हैं. वहीं इनकी सेवा की चर्चा अब जिले में हो रही है.
ये भी पढ़ें: