Raipur News: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Avimukteshwaranand) ने रायपुर में हिंदू राष्ट्र को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वो हिंदू राष्ट्र के समर्थन में नहीं हैं. उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि रावण और कंस का भी हिंदू राष्ट्र था, लेकिन वहां की जनता दुखी थी. जब तक कोई प्रारूप नहीं आएगा, तब तक हिंदू राष्ट्र की मांग का समर्थन नहीं कर सकते और न विरोध कर सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने साईं पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दिए बयान पर भी प्रतिक्रिया दी.


हिंदू राष्ट्र पर दिया बड़ा बयान


शुक्रवार को शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद रायपुर पहुंचे. यहां बेमेतरा और बालोद जिला में पुराण कथा होने वाली है, जिसमें शामिल होने के लिए वे छत्तीसगढ़ आए हैं. उन्होंने इस दौरान देश के कई ज्वलंत मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने संतों के द्वारा हिंदू राष्ट्र की मांग पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमारी हिंदू राष्ट्र की कोई मांग नहीं है. हमने कभी कोई हिंदू राष्ट्र की मांग नहीं की है, बल्कि हमारा ये कहना है कि जो लोग हिंदू राष्ट्र की बात कर रहे हैं, उन लोगों ने अब तक कोई प्रारूप सामने नहीं रखा है. उन्होंने कहा कि जब तक कोई प्रारूप सामने नहीं आता है कि हिंदू राष्ट्र होने के बाद हमारे देश में हमारे व्यवहार में क्या अंतर आ जाएगा, तब तक हम इसका न इसका समर्थन कर सकते हैं न ही विरोध कर सकते हैं. 
 
'रावण और कंस के हिंदू राष्ट्र में जनता दुखी थी'


इसके आगे हिन्दू राष्ट्र को लेकर सवाल उठाते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि पता ही नहीं है कि हिंदू राष्ट्र बनाने पर क्या हो जाएगा? करपात्री जी महाराज ने कहा था कि जब हमारा देश आजाद हो रहा था तब लोगों के मन में चिंता हो रही थी कि एक टुकड़ा इस्लाम हो रहा है, तो क्यों न बाकी वाला हिंदू राष्ट्र हो जाए. शंकराचार्य के अनुसार उस समय करपात्री जी ने कहा था कि हमे हिंदू राष्ट्र नहीं चाहिए, क्योंकि हिंदू राष्ट्र रावण और कंस का भी था, लेकिन प्रजा दुखी थी. हमको वो राज्य चाहिए जिसमे प्रजा सुखी हो वैसा राज्य एक मात्र राज्य है वो है राम राज्य.


धीरेंद्र शास्त्री के बयान का समर्थन


इसके आगे साई बाबा को लेकर बागेश्वर धाम वाले बाबा के बयान का समर्थन करते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हम उनकी प्रशंसा करते हैं. बागेश्वर धाम वाले बाबा ने अपना कुछ नहीं कहा है. उन्होंने कहा था कि शंकराचार्य जी ने इस बारे में निर्णय कर दिया है और उसको मैं दोहराता हूं. उन्होंने अपनी बाते दोहराई है. शंकराचार्य ने कहा कि वैसे हम अपने धर्माचार्य के निर्णय को नहीं मानेंगे तो कौन मानेगा? जहां तक उनके खिलाफ एक्शन लेने की बात है तो कोई भी एक्शन ले सकते हैं कोर्ट में जवाब दिया जाएगा.


रामनवमी में देश के कई राज्यों में हिंसा देखी गई और हनुमान जयंती पर अलर्ट जारी किया गया था. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से एडवाइजरी जारी किया गया था. इस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अपने आप को हिंदू दल कहने वालों का लगभग देशभर में राज है. उन्होंने कहा कि  उस समय इस तरह की एडवाइजरी क्यों जारी करनी पड़ रही है? इसपर विचार तो करना पड़ेगा. जब इस देश में हिंदू बहुमत है हिंदू पक्ष की केंद्र में सत्ता में है. उसके बाद ऐसी परिस्थिति बन रही है. आजादी के 75 साल बाद इस तरह की एडवाइजरी कितनी बार जारी की गई है,  ऐसी नौबत क्यों आई है? उन्होंने पूछा कि हमारे देश में क्या बदलाव हुआ है, हमारे देश के निवासियों के दिमाग में कोई बात तो ऐसी आई है न जिसके कारण अभी ये परिस्थिति उत्पन्न हो रही है.


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