Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने बखेड़ा खड़ा करने वाला फरमान जारी किया है. शिवसेना गैर छत्तीसगढ़िया को राज्य से भगाने और मूल निवासियों के संरक्षण करने का काम करेगी. रायपुर में प्रेस कांफ्रेंस कर शिवसेना ने महाराष्ट्र की तर्ज पर अभियान चलाने का एलान किया है. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से एक साल पहले शिवसेना का बड़ा दांव माना जा रहा है. प्रदेश प्रमुख आनंद सिंह मल्होत्रा का कहना है कि छत्तीसगढ़िया लोगों के मान सम्मान, हक अधिकार, संस्कृत, सभ्यता, रहन-सहन को संरक्षित करने के लिए शिवसेना अभियान चलाएगी.


गैर छत्तीसगढ़िया को राज्य से भगाएगी शिवसेना


मल्होत्रा ने कहा कि सरकारी नियमानुसार छत्तीसगढ़ में मूल निवासी की दी हुई परिभाषा के तहत ही अभियान चलाया जाएगा. शिवसेना ने प्रदेश में हो रहे धर्मांतरण के मुद्दे को भी उठाने की चेतावनी दी. मल्होत्रा ने बताया कि हिंदू धर्म छोड़कर दूसरे धर्म में गए लोगों की घर वापसी का अभियान चलाया जाएगा. शिवसेना ने दुर्ग-भिलाई, रायपुर निगम क्षेत्र को मिला कर ग्रेटर रायपुर बनाए जाने की मांग की है. छत्तीसगढ़ के कारखानों में 80 प्रतिशत स्थानीय नागरिकों को नौकरी पर रखा जाए. नरवा, घुरवा, बाडी योजना के साथ पुरुष सहायता समूह बनाकर जोड़ा जाये. राज्य में शराबबंदी की जाए.


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क्या बीजेपी को नुकसान पहुंचाने की है रणनीति?


किसानों के धान 15 क्विंटल प्रति एकड़ की जगह 20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदने की मांग की. शिवसेना की घोषणा के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. माना जा रहा है कि शिवसेना कांग्रेस की मदद कर रही है. कांग्रेस छत्तीसगढ़िया वाद के मुद्दे पर आगे बढ़ रही है और शिवसेना बल देने की कोशिश कर रही है. चुनाव के ठीक एक साल पहले मुद्दा गर्माने से बीजेपी को नुकसान हो सकता है. ऐसा इस लिए भी कहा जा सकता है क्योंकि महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस की सरकार थी. लेकिन बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को तोड़कर सरकार बना ली.