Nath Sampraday Tradition: पूरी दुनिया में हर समाज के अपने नियम कायदे और अपनी परंपरा होती है, लेकिन सभी समाज से हटकर योगी समाज में बेहद अनोखी परंपरा है, जो कि सदियों से चली आ रही है. इस परंपरा के मुताबिक जब योगी समाज के किसी सदस्य की मौत होती है तो उनकी समाधि के ऊपर शिवलिंग बनाया जाता है. 


इस समाज के सभी लोगों के नाम के पीछे जुड़ता है नाथ


बालोद के रहने वाले इस समाज के अनिल नाथ योगी ने बताया कि योगी समाज में अगर सदस्य को जोड़ा जाता है तो उसके नाम के साथ नाथ शब्द भी जोड़ दिया जाता है. समाज का ऐसा मानना है कि वे अपने आप को भगवान शिव के वंशज मानते हैं और अपने इष्ट देव के रूप में गोरखनाथ की पूजा करते हैं. जिसके चलते अपने नाम के साथ नाथ शब्द भी जोड़ते हैं. यही वजह है कि किसी भी सामाजिक व्यक्ति के निधन होने के बाद समाधि स्थल के ऊपर शिवलिंग बनाते हैं और खासकर सावन और सभी त्योहारों में उस शिवलिंग की पूजा समाज के लोग करते हैं.


मृतकों की समाधि के ऊपर बनाते हैं शिवलिंग


इसी समाज के गजेंद्र नाथ योगी ने बताया कि केवल शिवलिंग बनाए जाने तक की परंपरा खत्म नहीं होती है, बल्कि अगर समाज के किसी व्यक्ति का देहांत होता है तो उन्हें कुर्सी पर बिठाया जाता है और एक पालकी के सहारे समाज के समाधि स्थल तक ले जाया जाता है. उसके बाद एक निश्चित आकार का गुफा तैयार कर उसी स्थिति में मृत व्यक्ति को दफनाया जाता है. जिसके बाद व्यक्ति के कान में गुरु मंत्र या फिर गायत्री मंत्र सुनाया जाता है और फिर दफनाने के बाद समाधि तैयार कर उसके ऊपर शिवलिंग स्थापित किया जाता. समाज का मानना है कि मौत के बाद समाधि पर शिवलिंग स्थापित करने से मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है.



शिवलिंग बनाने से आत्मा को मिलती है शांति


योगी समाज की यह परंपरा कई दशकों से चली आ रही है. अनोखी परंपरा के चर्चे भी खूब होते हैं. योगी समाज के जितने भी लोगों की मृत्यु हुई है. उनके कब्र के ऊपर भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग बना हुआ है. समाज के लोगों का मानना है कि भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग स्थापित करने से मृत हुए लोगों की आत्मा को शांति मिलती है. साथ ही भगवान शिव के चरणों में उनकी आत्मा को स्थान मिलता है.


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