Sohan Potai Passed Away: बीजेपी के पूर्व सांसद सोहन पोटाई का निधन, सीएम बघेल समेत कई नेताओं ने जताया शोक
Sohan Potai Death: सोहन पोटाई आदिवासियों के चहिते नेता माने जाते थे. उन्होंने अदिवासियो के जल ,जंगल और जमीन के हक के लिए कई आंदोलन भी किए. रायपुर के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था.
Sohan Potai Passed Away News: कांकेर (Kanker) लोकसभा सीट से लगातार चार बार बीजेपी (BJP) से सांसद रहे और वर्तमान में सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष रहे सोहन पोटाई (Sohan Potai) ने गुरुवार सुबह अपने कांकेर निवास में अंतिम सांस ली. वो लंबे समय से कैंसर से पीड़ित होने की वजह से बीमार चल रहे थे और उनका ईलाज रायपुर के निजी अस्पताल में चल रहा था.
कुछ दिन पहले सोहन पटाई को उनके निवास लाया गया था और गुरुवार की सुबह अचानक ज्यादा तबीयत बिगड़ने से उनकी मौत हो गई.उनकी मौत से सर्व आदिवासी समाज के लोगों को काफी गहरा दुख पहुंचा है. साथ ही बीजेपी और कांग्रेस (Congress) के दिग्गज नेताओं ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से सोहन पोटाई को श्रद्धांजलि दी.
सीएम भूपेश बघेल ने किया दुख व्यक्त
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा "सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष, कांकेर लोकसभा से पूर्व सांसद सोहन पोटाई जी के निधन का समाचार दुखद है. उनका जाना एक अपूरणीय राजनीतिक और सामाजिक क्षति है.उनके सामाजिक योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। ईश्वर उनके परिवारजनों और चाहने वालों को संबल दे." उनके निधन पर बीजेपी नेता और पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने भी शोक व्यक्त किया है. उन्होंने लिखा, " 4 बार कांकेर से सांसद रहे बीजेपी के कर्मठ नेता श्री सोहन पोटाई के निधन समाचार से मन व्यथित है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को इस कठिन समय में धैर्य और संबल प्रदान करें."
पोस्ट मास्टर की नौकरी छोड़ राजनीति में आए
बस्तर के वरिष्ठ आदिवासी नेता राजाराम तोड़ेम के मुताबिक सोहन पोटाई पोस्ट मास्टर की नौकरी छोड़ राजनीति में आए थे. उन्होंने 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में बस्तर के कद्दावर नेता दिवंगत महेंद्र कर्मा को पराजित किया था. लेकिन एक साल बाद बीजेपी की अटल बिहारी सरकार गिर गई. इसके बाद एक बार फिर 1999 में उन्हें बीजेपी से टिकट दिया गया. 1999 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अरविंद नेताम को भी भारी मतों से हराया. इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस की गंगा पोटाई ठाकुर को पराजित किया और तीसरी बार कांकेर लोकसभा सीट से सांसद बनें
चार बार कांकेर लोकसभा सीट से रहे सांसद
इसके बाद 2009 के भी लोकसभा चुनाव में उन्होंने वर्तमान राज्यसभा सांसद फूलों देवी नेताम को भी भारी मतों से हराया. इस तरह वो 4 बार कांकेर लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद रहे. हालांकि 2014 में बीजेपी ने सोहन पोटाई को टिकट नहीं दिया. जिससे नाराज उन्होंने बीजेपी से बगावत कर दी और बस्तर के आदिवासी लीडर के नाम से जाने जाने लगे. वहीं 2017 में पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने से बीजेपी ने सोहन पटाई को पार्टी से निष्कासित कर दिया. इसके बाद सोहन पोटाई ने छत्तीसगढ़ पार्टी भी बनाई, लेकिन पार्टी को लेकर वो ज्यादा सक्रिय नहीं रहे. इसके चलते ये पार्टी अस्तित्व में नहीं आई.
इसके बाद सोहन पोटाई को सर्व आदिवासी समाज का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. स्थानीय आदिवासियों के हर मुद्दे को मुखर होकर उठाने के चलते पूरे बस्तर संभाग में वो आदिवासियों के काफी चहिते नेता माने जाते थे. उन्होंने अदिवासियो के जल ,जंगल और जमीन के हक के लिए कई आंदोलन भी किए. उनकी मौत से पूरे बस्तर संभाग के आदिवासी समाज में शोक की लहर है. जानकारी के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव बाबूदबेना में किया जाएगा.