Chhattisgarh News: नक्सलियों के टारगेट पर BJP नेता! सरकार ने की NIA से जांच कराने की मांग
छत्तीसगढ़ में 3 नेताओं की हत्या से आक्रोशित बीजेपी 17 फरवरी को 400 सड़कों को जाम कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी में है. इस बीच डीजीपी ने इन हत्याओँ की जांच के लिए एनआईए को लिखा है.
Raipur: छत्तीसगढ़ में बीजेपी नेता लगातार नक्सलियों के टारगेट पर हैं. पिछले एक महीने में 3 बीजेपी नेताओं की हत्या की गई है. इसको लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और 17 फरवरी को छत्तीसगढ़ की 400 सड़कों को जाम कर कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश मेंं है. अब छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से इस मामले जांच कराने के लिए पुलिस महानिदेशक (Director General of police) ने एनआईए को पत्र लिखा है.
बीजेपी नेताओ की हत्या पर एनआईए से जांच की मांग
दरअसल बीजेपी नेताओं के लगातार हंगामा के बाद गुरुवार को छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (National Investigation Agency) यानी एनआईए को पत्र लिखा है. एनआईए के महानिदेशक को पत्र लिखकर बस्तर में हुई तीन जनप्रतिनिधि की हत्या की जांच की मांग की है और इन तीनों जनप्रतिनिधियों की हत्याओं की जानकारी दी है. लेकिन जांच की मांग करने से पहले इस मामले में सियासत छिड़ गई है. कांग्रेस और बीजेपी इस मामले में आमने-सामने आ गए हैं.
बीजेपी नेताओं की हत्या पर विरोध प्रदर्शन
नारायणपुर में बीजेपी जिला उपाध्यक्ष की हत्या के बाद बीजेपी राज्य की कांग्रेस सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रही है. इसके अलावा इसके पीछे राजनीति षड्यंत्र का भी आरोप लगाया जा रहा है.बीजेपी प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की लगातार हत्या हो रही है. सरकार कोई संज्ञान नहीं ले रही है. बीजेपी के बलिदानी कार्यकर्ताओं की शहादत पर ओछी राजनीति की जा रही है. सरकार में बैठे लोग भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की बढ़ती वारदातों पर परदा इसलिए डाल रहे हैं क्योंकि पटकथा इन्हीं की लिखी हुई है. यह षड्यंत्र की राजनीति चुनाव प्रभावित करने के लिए की जा रही है. साफ तौर पर षड्यंत्र की बू आ रही है.
कांग्रेस ने बीजेपी के आरोप पर किया पलटवार
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की झीरम में हत्या भाजपा के शासनकाल में हुई. 32 कांग्रेस नेताओं के खून के छींटे भाजपा और उसके नेताओं के दामन पर लगे है. भाजपा ने शुरू से झीरम के नर संहार की जांच को बाधित करने का काम किया था. जब सरकार में थी तब सीबीआई जांच की अनुशंसा नहीं की, न्यायायिक जांच आयोग के बिंदु में षड्यंत्र को नहीं जोड़ने दिया सरकार से हटने के बाद राज्य की एसआईटी को जांच करने से रोकने केंद्र सरकार के माध्यम से एनआईए से फाइल नहीं देने दे रही है.
नक्सलियों के टारगेट पर है बीजेपी नेता
गौरतलब है कि बस्तर में लगातार बीजेपी नेता नक्सलियों के टारगेट पर है. पिछले एक महीने की बात करें तो इसमें जगदलपुर के बुधराम करटाम, बीजापुर के नीलकंठ कक्केम और बीती रात को नारायणपुर के जिला उपाध्यक्ष सागर साहू की नक्सलियों ने हत्या कर दी है. वहीं 2019 में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी के काफिले को बम से उड़कर भीमा मंडावी की नक्सलियों ने हत्या की थी.
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