​​Kanker Latest News: छत्तीसगढ़ के बस्तर को हमेशा से ही नक्सलवाद के नाम से जाना जाता है, लेकिन यहां रहने वाले युवा अपने हुनर से आज देश दुनिया में नाम कमा रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में हो या खेल जगत में यहां के युवा लगातार अपनी मेहनत से अपने बस्तर और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं. इन दिनों नक्सल प्रभावित जिले के एक युवक की भी उसके हुनर को लेकर जमकर तारीफ हो रही है और हर दिन उसके इस अविष्कार को देखने बड़ी संख्या में लोग युवक के घर पहुंच रहे हैं. दरअसल कांकेर जिले में रहने वाले एक होनहर युवा ने कमाल कर दिखाया है और 2 साल की मेहनत से रिमोट कंट्रोल से उड़ने वाली हवाई जहाज बनाया है.


इस हवाई जहाज को युवक ने देसी जुगाड़ सामानों से बनाया है जिसमें थर्माकोल,सेलो टेप फेविकोल, साइकिल का स्पोक, साइकल वाल ट्यूब और एक्स-रे फोटो फिल्म शीट, छतरी का तार ,परीक्षा के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कार्ड बोर्ड, रेडियम शीट, एक बैटरी और 5 नग मोटर के साथ एक पंखा और चलाने के लिए एक रिमोट कंट्रोल डिवाइस का उपयोग कर इस हवाई जहाज को तैयार किया है.


युवक ने बताया कि उसका हवाई जहाज हवा में करीब 2 किलोमीटर हवाई रेंज की दूरी तय करता है, और साथ ही  लगभग 500 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है और तकरीबन आधे घंटे तक हवा की सैर कर सकता है.


लॉकडाउन में घर बैठे किया हवाई जहाज तैयार


दरअसल कांकेर जिले के परलकोट क्षेत्र के एक छोटे से गांव स्वरूपनगर में रहने वाले सुजीत मजूमदार ने खुद अपने हाथों से इस हवाई जहाज को तैयार किया है. भले ही इस गांव में रनवे नहीं है लेकिन इस युवक की सोच उड़ान भरने की है, इसलिए उसने 2 साल तक मेहनत कर देसी जुगाड़ से हवाई जहाज को तैयार किया है, खास बात यह है कि हर रोज इस देसी जुगाड़ से उड़ते हवाई जहाज को देखने बड़ी संख्या में लोग सुजीत के पास पहुंचते हैं.


सुजीत मजूमदार ने बताया कि इस हवाई जहाज को वह एक रिमोट के जरिए ऑपरेट करता है. हवाई जहाज हर वह काम कर सकता है जो लाखों रुपये का ड्रोन करता है, लेकिन वर्तमान में हवाई जहाज में कैमरा फिट नहीं किया गया है. इस हवाई जहाज में अगर कैमरा फिट कर दिया जाए तो यह वीडियो शूटिंग और दुर्गम इलाक़ों की तस्वीरें लेने का भी काम कर सकता है.


सुजीत ने बताया कि उसे शुरू से ही पायलट बनने की इच्छा थी और बचपन से ही उसे हवाई जहाज के खिलौने खरीदने का शौक था, लेकिन घर में पैसों की तंगी ने पायलट बनने का सपना पूरा होने नहीं दिया.


इलेक्ट्रॉनिक में पॉलिटेक्निक इंजीनियर की पढ़ाई कर सुजीत ने 2 सेमेस्टर के बाद आर्थिक तंगी की वजह से आगे पढ़ाई जारी नहीं रखी, लेकिन जीवन में कुछ करने की इच्छा मन में बनी रहे और उसने कोरोनाकाल के समय लॉकडाउन के दौरान घर में बैठे-बैठे हवाई जहाज बनाने की तरकीब निकाली और 2 साल तक पाई पाई जोड़कर 8 से 10 हजार रुपये जमा किया और फिर देसी जुगाड़ और कबाड़ से जहाज बना डाला.


इस अविष्कार के बाद से केवल सुजीत के परिवार वाले  ही नहीं बल्कि पूरे गांव के लोग इस होनहार युवा पर नाज कर रहे हैं. सुजीत ने बताया कि उसका यह मिशन अभी खत्म नहीं हुआ है बल्कि वह इस हवाई जहाज को मोबाइल से ऑपरेट करने और जीपीएस तकनीक देने की कोशिश में जुटा हुआ है. सुजीत ने कहा कि अगर जिला प्रशासन सहयोग करे तो जरूर वह अपने इस अविष्कार से ज्यादा संख्या में हवाई जहाज बना सकता है, और इसमें कैमरा लगाने से यह एक ड्रोन का काम कर सकता है, फिलहाल सुजीत के अविष्कार को देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.


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