Chhattisgarh News: लाल आतंक का रास्ता छोड़ा, छत्तीसगढ़ के इस जिले में मुख्यधारा से जुड़े 33 नक्सली
Chhattisgarh News: जिले के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले के डब्बामरका कैंप में आयोजित 'जन दर्शन' कार्यक्रम के दौरान नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. एसपी ने इसकी वजह भी बताई है.
Sukma Naxalites Surrender: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा से बड़ी खबर सामने आई है. यहां आयोजित एक सार्वजनिक सभा में एक साथ 33 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया. इनमें से कई इनामी नक्सली भी शामिल हैं. नक्सलियों ने एसपी की उपस्थिति में आत्मसर्मपण कर दिया. सुकमा के पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने बताया कि जिले के डब्बामरका कैंप में मंगलवार को आयोजित 'जन दर्शन' कार्यक्रम के दौरान नक्सलियों ने पुलिस के सामने आकर सरेंडर कर दिया. पुलिस का दावा है कि नक्सलियों पर पुलिस कैंपों का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है.
मुख्यधारा में शामिल होने के लिए डाल दिए हथियार
आत्म सरेंडर करने वालों में दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष दिरदो मुदा, चेतना नाट्य मंडली (नक्सल के सांस्कृतिक संगठन) के अध्यक्ष हिड़मा और मिलिशिया कमांडर वाजम हिड़मा शामिल हैं. इन पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था. उन्होंने कहा कि वे अपने प्रतिबंधित संगठन की "खोखली विचारधारा" से निराश थे और उन्होंने मुख्यधारा में शामिल होने के लिए हथियार डाल दिए.
कैंप खुलने का दिख रहा है असर
पुलिस के एख अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले कथित तौर पर सुकमा जिले के किस्ताराम इलाके में पूर्व में कई घटनाओं में शामिल थे. लेकिन उन्होंने मुख्यधारा में शामिल होने की इच्छा जताई और सरेंडर कर दिया. जिले के एसपी ने बताया कि जिले में नवीन कैंपों की स्थापना का ग्रामीणों पर अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है. इन कैंपों की स्थापना के बाद विकास के कार्यों से प्रभावित होकर नक्सली सरेंडर कर रहे हैं. स्थानीय डब्बामरका में कैंप खुलने के तीसरे दिन ही पुलिस का प्रभाव सामने आया है. पुलिस का कहना है कि हालांकि ग्रामीण इन कैंपों का विरोध करते रहे हैं लेकिन इसका सकारात्मक रूप भी सामने आया है.
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