Bastar News: बस्तर (Bastar) संभाग के नक्सल प्रभावित जिलों में लोक निर्माण विभाग और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी सड़कें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हैं. घटिया निर्माण कार्य के चलते साल भर में ही सड़कें उखड़ने लगी है. सबसे बुरा हाल सुकमा (Sukma),बीजापुर (Bijapur)और नारायणपुर (Narayanpur) जिले में बनी सड़कों का है. यहां सभी सड़कें करोड़ों रुपये की लागत से बनी है, लेकिन सालभर भी नहीं टिक पा रही हैं. आलम यह है की जगह-जगह से सड़कें उखड़ गई हैं. साथ ही बारिश के मौसम में इन सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिसके चलते आए दिन सड़क दुर्घटना आम बात हो चली है.
वहीं नक्सलियों के भय की वजह से भी यहां इन सड़कों के अधूरे निर्माण कार्य और उनकी गुणवत्ता को लेकर अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की कोई रोक-टोक नहीं है, जिसके चलते ठेकेदारों के द्वारा सड़कों का घटिया निर्माण किया जा रहा है. नारायणपुर जिले में साल भर पहले ही शहर से ओरछा तक लोक निर्माण विभाग के द्वारा सड़क का निर्माण कार्य किया गया है. इस सड़क को साल भर पहले ही बनाया गया है. इस क्षेत्र के रहवासियों को उम्मीद जगी थी कि उन्हें भी पक्की सड़क मिलेगी.
52 किलोमीटर की सड़क में 100 से ज्यादा गड्ढे
दरअसल, नक्सलियों के भय की वजह से अभी तक उन्होंने कच्ची सड़क ही देखी थी, लेकिन नारायणपुर ओरछा मार्ग को बनाने में अधिकारियों और ठेकेदारों के द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया गया है. यही वजह है कि साल भर में ही 52 किलोमीटर की सड़क में 100 से ज्यादा गड्ढे हो गए हैं. इतना नहीं पूरी सड़क से डामर भी उखड़ गया है. स्थानीय बीजेपी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि सड़कों के निर्माण कार्य में भारी लापरवाही बरती जा रही है. साथ ही भ्रष्टाचार भी किया जा रहा है. सड़क की गुणवत्ता पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया है.
इसी वजह से साल भर में ही सड़क पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. आलम यह है कि हर रोज इस सड़क पर दुर्घटना आम बात हो चली है. हालांकि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि ओरछा में आयरन ओर की खदान शुरू की गई है. इसके चलते इस सड़क से हर दिन भारी वाहनों का गुजरना होता है. इस वजह से सड़क खराब हुई है. ठेकेदारों को बोलकर जल्द ही इसकी मरम्मत का कार्य करवाया जाएगा. यह हाल सिर्फ एक सड़क का नहीं बल्कि जिले के कई सड़कों का है, जो पूरी तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हैं और उनके निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगा है.
सुकमा में भी सड़कों का हुआ बुरा हाल
सुकमा जिले में भी तीन साल पहले कोंटा ब्लॉक में पेद्दागुडेम से किष्टाराम तक 12 किलोमीटर की सड़क बनाई गई. इस सड़क को शहीद मार्ग का नाम दिया गया. 12 किलोमीटर की सड़क में निर्माण के दौरान सुरक्षा में लगे कई जवानों की शहादत हुई थी, लेकिन यह सड़क भी पूरी तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. जगह-जगह डामर उखड़ने लगे और सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. मेंटेनेंस के अभाव में यहां वाहन तो दूर पैदल चलना भी दूभर हो गया है. रहवासियों ने सड़क की हालत पर कहा कि ये प्रशासन द्वारा शहीदों का अपमान है.
वहीं सुकमा जिले में ही अंदरूनी इलाकों में ऐसे कई सड़के हैं, जो पूरी तरह से उखड़ गई हैं. इस वजह से इन क्षेत्र वासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा बीजापुर जिले में भी पावर रेल से बीजापुर तक बनी सड़क भी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. तीन महीने पहले ही सड़क की मरम्मत के नाम पर लीपापोती की गई थी, लेकिन एक बार फिर सड़क की हालत जर्जर हो गई है. कुल मिलाकर नक्सल प्रभावित जिलों में विकास कार्य के नाम पर गुणवत्ता विहीन सड़कों के निर्माण से सभी सड़कें जर्जर हो चुकी हैं.