Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के नक्सल इलाकों में सालों से सड़क नहीं बनने के चलते ग्रामीण सुकमा मुख्यालय आने के लिए पगडंडी का सहारा लेते थे. बरसात के मौसम में स्थिति और बिगड़ जाती थी लेकिन अब लगातार इन अंदरूनी इलाकों में सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है. जवानों की मुस्तैदी के बीच पूरे सुरक्षा के साये में इन सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. जिले के 20 से अधिक सड़कों का निर्माण कार्य किया गया है और कुछ सड़क निर्माणाधीन हैं. कई ऐसे दुर्गम इलाकों में सड़कों का जाल बिछाया गया है जहां आवागमन के साधन बढ़ गए है. ग्रामीणों में खुशी का माहौल है.


बच्चों और महिलाओं ने किया जवानों का स्वागत


नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एक वक्त ऐसा भी था जब इन इलाकों में सड़कों और जवानों का विरोध हुआ करता था लेकिन आज अंदरुनी क्षेत्रों के हालात बदल रहे हैं. ग्रामीण अब जवानों का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि जवानों और विकास कार्यों का अपने रीति रिवाजों से नाचते गाते हुए स्वागत कर रहे हैं.


हाल ही में एक गांव में सड़क बनने से बच्चों के नए सड़क को लेकर खुशी से नाचने और झूमने का वीडियो वायरल होने के बाद सुकमा के ही बसबंडा गांव में जवानों की सुरक्षा में सड़क बनने के बाद जब जवान गांव पहुंचे तो गांव की महिलाएं और बच्चे एकत्रित हो गए और महिलाओं ने स्थानीय भाषा में गीत गाकर नाचते हुए अपनी खुशी का इजहार कर जवानों का स्वागत किया. जवानों ने भी महिलाओं का सम्मान किया और सुरक्षा का वादा किया.


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मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है गांव


दरअसल, यह सुकमा जिले का घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बसा बांसबंडा गांव है. यहां पहले आवागमन के लिए सिर्फ पगडंडी हुआ करती थी. नक्सली दहशत के कारण इन इलाकों में विकास कार्य तो दूर की बात मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है. लेकिन लगातार जिला और पुलिस प्रशासन के अथक प्रयास से जिले के हालात अब बदल रहे हैं.


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