Sukma: 11 साल पहले जिस IAS को नक्सलियों ने किया था किडनैप, कोर्ट में उसे नहीं पहचान पाए
Chhattisgarh: आईएएस ने कहा कि उन्हें इस घटना को लेकर कुछ याद नहीं है. नक्सलियों ने उनके बॉडीगार्ड को गोली मारकर आईएएस को अपने साथ ले गए थे. साथ ही 13 दिनों तक उन्हें अपने साथ रखा.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सुकमा (Sukma) जिले के कलेक्टर रहे एलेक्स पाल मेनन (Alex Paul Menon) ने अपने अपरहण में शामिल रहे नक्सलियों को कोर्ट में पहचाने से साफ इनकार कर दिया. एनआईए कोर्ट (NIA Court) में एलेक्स पाल मेनन के सामने कलेक्टर के अपहरण मामले में आरोपी रहे हार्डकोर नक्सली भीमा कमला उर्फ आकाश को पेश किया गया, लेकिन कलेक्टर ने उसे पहचानने से मना कर दिया. दरअसल 11 साल पहले सुकमा जिले के पहले कलेक्टर रहे आईएएस अधिकारी एलेक्स पॉल मेनन को 21 अप्रैल 2012 को नक्सलियों ने अपरहण कर लिया था और करीब 13 दिनों तक अपने साथ रखा.
इसके बाद 4 मई 2012 को उन्हें रिहा किया गया, इस मामले में बकायदा एनआईए ने भी नक्सलियों द्वारा कलेक्टर के अपहरण की जांच के लिए टीम बनाई हुई थी. घटना के 11 साल बाद अपरहण के मामले में दंतेवाड़ा जिले में बने एनआईए कोर्ट में कथित तौर पर इस वारदात में शामिल रहे भीमा कमला उर्फ आकाश को कोर्ट में एलेक्स पाल मेनन के सामने पेश किया गया. इस दौरान एलेक्स पाल मेनन ने नक्सली को पहचानने से इंकार कर दिया.
11 साल पुराना है अपहरण का मामला
एलेक्स पाल मेनन ने अपने बयान में कहा कि घटना 11 साल पुरानी है. इस वजह से इस मामले में आरोपी नक्सली गणेश उइके, रमन्ना, पापाराव, विजय मड़काम, आकाश, हूंगी, उर्मिला, मल्ला, निलेश, हिड़मा, हेमला भीमा उर्फ आकाश, मुकेश भीमा, देवा और इसके अलावा 100 से अधिक नक्सली को भविष्य में भी नहीं पहचान पाऊंगा. एलेक्स ने कहा कि मुझे इस घटना को लेकर कुछ याद नहीं है. ऐसे में उनके अपहरण में कौन नक्सली शामिल थे और कौन नहीं, यह बता पाना मुश्किल है. बताया जा रहा है कि सुकमा पुलिस ने साल 2016 में भीमा हेमला उर्फ आकाश को गिरफ्तार किया था. उसके बाद एलेक्स पाल मेनन को दंतेवाड़ा बुलाकर एनआईए की विशेष कोर्ट में भीमा हेमला उर्फ आकाश को जज दीपक कुमार ने पहचानने के लिए कहा, लेकिन एलेक्स पाल ने उसे नहीं पहचाना.
21 अप्रैल साल 2012 में हुआ था अपरहण
सुकमा के पूर्व कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन ने एनआईए कोर्ट के जज दीपक कुमार को अपने बयान में बताया कि वे सुकमा जिले के केरलापाल स्थित मांझी पारा में जल संरक्षण कार्यों के नक्शे का अवलोकन करने गए थे. उसी समय वहां पर गोली चलने की आवाज आई और गोली की आवाज सुनकर वो जमीन पर लेट गए थे. इसके बाद वहां लगी जन समस्या शिविर में अफरा-तफरी मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे. इस दौरान नक्सलियों ने मेरे दोनों सुरक्षाकर्मी पर गोली चलाई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. उन्होंने बताया कि इसके बाद उनका अपरहण कर दो नक्सली उन्हें बाइक पर बैठाकर ले गए और 13 दिनों तक अपने साथ रखा.
इस दौरान नक्सली उन्हें अलग-अलग जगहों में घने जंगलों में घुमाते रहे, लेकिन उन्हें यह याद नहीं है कि उस समय उनके आस-पास कौन-कौन नक्सली थे और उनके नाम क्या थे. अपरहण के जांच के बाद सुकमा पुलिस और NIA ने कई बड़े नक्सली लीडरों पर एफआईआर दर्ज किया था. पिछले 11 सालो में 8 से अधिक नक्सलियों को गिरफ्तार भी किया गया, जिन पर एलेक्स पॉल मेनन के अपरहण के मामले में एफआईआर दर्ज की गई. उन्हीं में से एक भीमा कमला उर्फ आकाश भी शामिल था, जिसे एनआईए ने साल 2016 में गिरफ्तार किया था. हालांकि एलेक्स पाल मेनन ने गिरफ्तार हार्डकोर नक्सली भीमा कमला उर्फ आकाश को पहचानने से मना कर दिया है.
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