Sukma Rape Case: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के एर्राबोर में संचालित कन्या आवासीय पोटाकेबिन में पहली कक्षा की छात्रा के साथ रेप का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. 6 साल की मासूम के साथ कथित रेप मामले ने अब राजनीतिक रुप ले लिया है.  घटना के सामने आने के बाद मंगलवार (25 जुलाई) को सर्व आदिवासी समाज ने नाराजगी जताते हुए, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वहीं बीजेपी प्रदेश संगठन द्वारा विधायक रंजना साहू की अध्यक्षता में  5 सदस्यीय जांच टीम बुधवार (26 जुलाई) को जांच एर्राबोर पहुंची और पोटा केबिन में पढ़ने वाली छात्राओं से मुलाकात कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली. जांच कर लौटी टीम ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार गंभीर आरोप लगाए हैं, टीम ने सरकार पर आरोपी को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया है.


दरअसल, बुधवार (26 जुलाई) को बीजेपी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य घटनास्थल पहुंचे, जहां उन्होंने स्थिति का जायजा लिया. प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री लता उसेंडी, विधायक रंजना साहू, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत एर्राबोर आश्रम पहुंची. इस दौरान मौके पर स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार और पुलिस के आला अधिकारी मौजूद रहे. मौके पर कोंटा एसडीएम श्रीकांत कोर्राम, एएसपी कोंटा गौरव मंडल समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था.  पोटाकेबिन छात्रावास से करीब 50 से 60 मीटर पहले पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर जांच टीम को जाने से रोक दिया.


सरकार दे रही आरोपियों को संरक्षण- बीजेपी


पुलिस अधिकारियों के रोके जाने पर बीजेपी प्रतिनिधिमंडल और पुलिस अधिकारियों के बीच काफी देर तक तीखी नोंक झोंक हुई. करीब 15 से 20 मिनट तक बहस बाजी के बाद प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने बीजेपी की महिला प्रतिनिधिमंडल को पोटाकेबिन के अंदर जाने की अनुमति दी. आधे घंटे तक मामले की जांच कर महिला प्रतिनिधिमंडल वापस लौट आई. बीजेपी धमतरी विधायक और जांच समिति की अध्यक्ष रंजना साहू ने राज्य की कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा है कि, छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था चौपट हो गई है. एर्राबोर की घटना छत्तीसगढ़ महतारी को शर्मसार करने वाली घटना है. प्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं है. 


मंत्री कवासी लखमा पर बीजेपी विधायक ने लगाये ये आरोप


बीजेपी विधायक रंजना साहू ने जिला प्रशासन और सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहली कक्षा में पढ़ने वाली 6 साल की मासूम बच्ची के साथ रेप होने के बाद, शासन और प्रशासन के जिम्मेदार मामले को दबाने में लगे रहे. घटना के दो दिन बाद एफआईआर दर्ज कराया गया. 6 साल की बच्ची के साथ रेप की घटना के पीछे पोटाकेबिन प्रबंधन की घोर लापरवाही है, छात्रावास में सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हैं. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जिम्मेदार विधायक और सरकार के कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा घटना के बाद से अब तक पीड़िता और उसके परिवार से मिलने नहीं आए हैं. घटना के बाद से छात्राओं में दहशत का माहौल है. रंजना साहू ने प्रशासन से अधीक्षिका पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की मांग की.


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