Chhattisgarh: लाखों रुपये का इनामी नक्सली कमांडर हेमला की मौत, कई हमलों का था मुख्य आरोपी
Vinod Hemla Death News : कई बड़े नक्सली हमलों को अंजाम दे चुका नक्सली कमांडर हेमला उर्फ सोमलु उर्फ रवि वसंत की मौत हो गई है. वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहा था.
Chhattisgarh Naxalites: छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठन को काफी बड़ा नुकसान हुआ है. लगभग 26 सालों से माओवादी संगठन में सक्रिय बटालियन नंबर- 1 के नक्सली कमांडर और नक्सलियों के हथियार कारखाने का प्रभारी हेमला उर्फ सोमलु उर्फ रवी वसंत की गंभीर बीमारी के चलते मौत हो गई है. पिछले कई दिनों से नक्सलियों के मेडिकल कैंप में हेमला का इलाज चल रहा था. लेकिन बीते 3 मई को उसकी नक्सलियो के मेडिकल कैंप में मौत हो गई. नक्सली कमांडर हेमला 6 अप्रैल साल 2010 में सुकमा जिले के ताड़मेटला हमले का मास्टरमाइंड था.
इस नक्सली हमले में 76 CRPF जवानों की शहादत हुई थी. यही नहीं हेमला नक्सली संगठन के PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुर्रील्ला आर्मी) के लिए गोला बारूद, हथियार तैयार करता था. नक्सली कमांडर हेमला ने 2015 से लेकर अब तक हजारों सेल्स, सैकड़ों लॉन्चर, बनाकर PLGA को हथियारबंद करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. माओवादी संगठन के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के प्रवक्ता समता ने रविवार को प्रेस नोट जारी कर हेमला उर्फ सोमलु की मौत की जानकारी दी.
26 सालो से नक्सली संगठन में था सक्रिय
सीपीआई माओवादी संगठन के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के प्रवक्ता समता ने प्रेस नोट के माध्यम से जानकारी. प्रेस नोट में बताया गया कि नक्सली कमांडर हेमला उर्फ सोमलु उर्फ रवि, वसंत बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र का रहने वाला था. सन 1997 में वह नक्सली संगठन में शामिल हुआ. वह संगठन में हथियार तैयार करने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
2005 में नक्सलियों के टेक्निकल विभाग से बदली कर संगठन ने उसे कंपनी कमांडर- 2 में शामिल किया गया था. इसके बाद 2006 में कंपनी नंबर -3 शामिल होकर बस्तर संभाग में हुए बड़े नक्सली हमलों में जिसमें ताड़मेटला,उर्पलमेटा, तोंगगुड़ा और बटटीगुड़ा जैसे बड़े हमलों का मास्टरमाइंड रहा.
हथियार कारखाना का प्रभारी था-हेमला
इस सब के अलावा भी हेमला कई बड़ी नक्सली वारदातों को अंजाम दिया. इसके बाद 2008 में नक्सली संगठन के CYPC में सचिव के तौर पर उसका प्रमोशन किया गया. 2014 के आखिरी तक कंपनी नंबर-2 में कमांडर रहकर उसने राजनीतिक, सांगठनिक, सैनिक तौर पर नक्सलियों को ट्रेनिंग देते हुए कंपनी कमांडर 2 और CYPC सचिव और सब जोनल कमांडर सदस्य का जिम्मेदारी संभाला.
साल 2015 में पार्टी प्रस्ताव के मुताबिक हेमला को बटालियन नंबर -1 में भेजा गया और तब से आज तक बटालियन नंबर -1 में ही हेमला पदस्थ रहा. नक्सली कमांडर हेमला ने 8 सालों में माओवादी संगठन के लिए गोला बारूद, हथियार तैयार किया. इसलिए उसे नक्सलियों के हथियार कारखाना का प्रभारी भी बनाया गया. हेमला ने आर्टिलरी, पिएल, टेक्निकल विभाग को चलाने की जिम्मेदारी ली.
घातक हथियार बनाने में माहिर था
वह 2015 से अब तक आर्टिलरी को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया. साल 2017 से विशेष टेक्निकल टीम को चलाते हुए आर्टिलरी को मजबूत और विस्तार करने में भी हेमला सक्रिय रहा. इस काम में माहिर हेमला को 2021 से पूरे माओवादी संगठन के हथियार कारखाने के प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी दी गयी. कमांडर हेमला सेल्स, बम बनाने, लॉन्चर तैयार करने में पूरी तरह से माहिर था. इसलिए उसने कई हथियार, गोला बारूद बनाकर नक्सलियों के लड़ाकू टीम PLGA को हथियारबंद करने में मुख्य भूमिका निभाया. नक्सली कमांडर हेमला उर्फ सोमलु के मौत से माओवादी संगठन को काफी बड़ा नुकसान हुआ है.
बस्तर आईजी ने कही अहम बातें
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि नक्सली कमांडर हेमला उर्फ सोमलू 26 सालों से नक्सली संगठन में सक्रिय रहा. उसकी मौत से निश्चित तौर पर नक्सली संगठन को नुकसान पहुंचा है. वही बस्तर पुलिस के लिए यह काफी अच्छी खबर है. हालांकि सोमलू जैसे और भी नक्सली इनके संगठन में शामिल है. कोरोना के बाद से कई नक्सली के बीमार होने से उनकी मौत भी हो रही है. वही मुठभेड़ भी मारे जा रहे हैं. आने वाले समय में प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी संगठन के नक्सलियो का बस्तर से सफाया होगा.