Sukma News: सुकमा (Sukma) जिले के टेकलगुडेम (Tekulagudem) में बीते 30 जनवरी को नया पुलिस कैम्प स्थापित करने के दौरान सुरक्षा में लगे सीआरपीएफ और डीआरजी के जवानों पर एक रणनीति बनाकर नक्सलियों ने हमला किया था. इस पूरी घटना को अंजाम देने में माओवादी संगठन के बटालियन नंबर-1 के नक्सली कमांडर बारसे देवा का नाम सामने आया है. उसे इस हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. बारसे देवा पर छत्तीसगढ़ शासन ने 25 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है.
इस खूंखार नक्सली पर सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि, तेलंगाना, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश की सरकारों ने भी लाखों रुपये का इनाम घोषित कर रखा है. बारसे देवा टेकलगुडेम और इसके साथ-साथ 25 मई को हुए दरभा झीरम घाटी समेत कई हमलों का मास्टरमाइंड रहा है. टेकलगुडेम हमले के बाद बस्तर पुलिस ने नक्सली कमांडर बारसे देवा का फोटो सोशल मीडिया में जारी किया है. दरअसल, सुकमा जिले के टेकलगुडेम में हुए नक्सली हमले के बाद राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री, प्रदेश के पुलिस और सीआरपीएफ के आला अधिकारियों की नक्सली समस्याओं के समाधान के लिए हाई लेवल की मीटिंग हुई.
टेकलगुडेम हमले के नेतृत्वकर्ता बारसे देवा
इसके बाद टेकलगुडेम हमले के नेतृत्वकर्ता बारसे देवा का नाम सामने आया है. मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर हिड़मा को एक साल पहले माओवादी संगठन के सेंट्रल कमेटी का मेंबर बनाए जाने के बाद अब 42 वर्षीय नक्सली कमांडर बारसे देवा को बटालियन नंबर-1 की कमान सौंपी गई है. बारसे देवा काफी खूंखार नक्सलियों में गिना जाता है. बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि नक्सली कमांडर बारसे देवा उर्फ सुक्का उर्फ देवन्ना सुकमा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र के ककाड़ी गांव का निवासी है.
एके-47 लेकर चलता है बारसे देवा
उन्होंने बताया कि खुफिया एजेंसी से मिली जानकारी के मुताबिक, बारसे देवा हाल ही में नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव पूर्वती में परिवार के साथ शिफ्ट हुआ है. माओवादी संगठन में सबसे खूंखार नक्सली लीडरों में से एक बारसे देवा नक्सली संगठन में एके-47 लेकर चलता है. इसके पहले बारसे देवा दक्षिण सब जोनल ब्यूरो दरभा डिवीजन का प्रभारी रह चुका है. इसके अलावा वो प्रेस यूनिट और प्रभारी डिवीजन समन्वय जैसे पद भी संभाल चुका है. हाल ही में पता चला है कि बारसे देवा को अब माओवादी संगठन में बटालियन नंबर-1 की कमान मिली है.
टेकलगुडेम मुठभेड़ में हुई थी 3 जवानों की शहादत
उन्होंने बताया कि नक्सलियों के बटालियन नंबर-1 में गुर्रिला वार के लिए प्रशिक्षित लड़ाकू नक्सलियों को शामिल किया जाता है. ये सभी नक्सली अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर में इस साल 40 के करीब नए पुलिस कैंप प्रस्तावित हैं. यह सभी कैंप ऐसे इलाकों में खोले जा रहे हैं, जिन्हें नक्सलियों का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है. इनमें से ही एक कैम्प है टेकलगुडेम. पुलिस ने अब यहां तक अपनी पहुंच बना ली है. हालांकि नक्सलियों के कायराना करतूत की वजह से टेकलगुडेम मुठभेड़ में तीन जवानों की शहादत हुई है, और 15 जवान घायल हो गए हैं, लेकिन इस हमले में जवानों ने भी नक्सलियों को काफी नुकसान पहुंचाया है.
आईजी ने कहा कि आने वाले दिनों में बारसे देवा जैसे खूंखार नक्सलियो का ठिकाना ढूंढकर नक्सलवाद को जड़ से खत्म किया जाएगा. बता दें कि, पिछले कुछ सालों से एंटी नक्सल ऑपरेशन में लगातार जवानों को मिल रही सफलता से जवानों का मनोबल बढ़ा है. यही वजह है कि लगातार अंदरूनी इलाकों में पुलिस नए कैंप खोलने के साथ ऑपरेशन के दौरान सफलता भी हासिल कर रही है.