7 लाख के इनामी नक्सली दंपती ने किया सरेंडर, माओवादी संगठन को लेकर किए कई बड़े खुलासे
Sukma Naxal News: सोढ़ी सुक्का 2001 से नक्सली संगठन में सक्रिय रहा और महिला नक्सली साल 2006 से नक्सलियों के संगठन में सक्रिय रही. दंपती ने आत्म समर्पण करने की मंशा जाहिर की.
Naxal Couple Surrender: छत्तीसगढ़ के बस्तर में लोकसभा चुनाव से पहले पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते लगातार नक्सली संगठन कमजोर पड़ता नजर आ रहा है. जवानों द्वारा मुठभेड़ में कई नक्सलियों को मार गिराने के साथ ही कुछ नक्सली बढ़ते दबाव के चलते अपना संगठन छोड़ मुख्य धारा में लौट रहे हैं. सुकमा जिले में भी सोमवार को 7 लाख रुपए के इनामी नक्सली दंपती ने आत्मसमर्पण कर दिया है.
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में किस्टाराम एरिया कमेटी के कृषि शाखा अध्यक्ष एससीएम सदस्य सोढ़ी सुक्का और उसकी पत्नी सोढ़ी सुक्की शामिल हैं. पुरुष नक्सली पर 5 लाख रुपये का इनाम और महिला नक्सली पर 2 लाख रुपये का इनाम सुकमा पुलिस ने घोषित कर रखा था.
बड़े नक्सलियों की प्रताड़ना से तंग आकर और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर दंपती ने सरेंडर कर दिया है. साथ ही संगठन को लेकर सुकमा एसपी के समक्ष कई बड़े खुलासे भी किए हैं.
रंग ला रही पूना नर्कोम अभियान
सुकमा जिले के एसपी किरण चव्हाण ने जानकारी देते हुए बताया कि सुकमा पुलिस के द्वारा पूना नर्कोम "नई सुबह नई शुरुआत" अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत गांव-गांव में जवान नक्सलियों से सरेंडर करने की अपील कर रहे हैं. पिछले 2 साल में ही 200 से ज्यादा नक्सलियों ने इस अभियान के तहत पुलिस के सामने सरेंडर किया है और बाकायदा सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ ही ले रहे हैं.
सोमवार को भी नक्सल ऑपरेशन में निकले DRG जवानों से संपर्क कर नक्सली दंपती ने आत्म समर्पण करने की मंशा जाहिर की, जिसके बाद DRG जवानों ने दोनों ही नक्सली दंपति को सुकमा जिला मुख्यालय लाया. इनमें से पुरुष नक्सली सोढ़ी सुक्का पर पुलिस ने 5 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था.
2001 से सक्रिय था सोढ़ी सुक्का
एसपी ने बताया कि सोढ़ी सुक्का 2001 से नक्सली संगठन में सक्रिय रहा और 2015 से अब तक किस्टाराम एरिया कमेटी में कृषि शाखा डिएकेएमएस अध्यक्ष एसीएम रहा. सरेंडर नक्सली कई बड़े नक्सली वारदातों में भी शामिल रहा. इसके अलावा, महिला नक्सली साल 2006 से नक्सलियों के संगठन में सक्रिय रही और 2014 से 2023 तक गोलापल्ली एरिया केएमएस सदस्य रही. महिला नक्सली भी कई बड़े नक्सली घटनाओं में शामिल रही.
दंपती का खुलासा- बच्चा पैदा करने की नहीं है संगठन में अनुमति
सरेंडर नक्सली दंपती ने बताया कि बड़े नक्सली लीडरों की प्रताड़ना से तंग आकर और अपनी आगे की जिंदगी हंसी खुशी बिताने के लिए संगठन को उन्होंने छोड़ दिया. दंपती ने बताया कि संगठन में बच्चा पैदा करने की मनाही है. ऐसे में कई नक्सली दंपती हैं जो अपने आगे की जिंदगी हंसी खुशी जीना चाहते हैं और वह भी सरेंडर करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल रहा है.
नक्सली दंपती ने बताया कि अब सुकमा जिले और आसपास के इलाकों में नक्सली संगठन कमजोर पड़ रहा है. जिस तरह से जवानों का अंदरूनी इलाकों में गश्ती बढ़ा है और नए कैंप खोले जा रहे हैं, उससे बड़े नक्सली लीडरों का मनोबल कम हुआ है और वह अब नए ठिकाने की तलाश कर रहे हैं.
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