Sukma News: सुकमा (Sukma) जिले में पिछले कुछ महीनों से लगातार जंगली जानवरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. कुछ ही महीने पहले जिले के कोंटा इलाके में ग्रामीणों के द्वारा शेर देखने की जानकारी मिली थी. वहीं यहां भालूओं का भी आतंक बढ़ता ही जा रहा है. शुक्रवार शाम जिले के बेलवापाल गांव में अपने खेत की फसल देखने गए एक ग्रामीण किसान पर एक या दो नहीं बल्कि छह भालुओं ने हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि खेत के आसपास ही घूम रहे भालुओं ने इंसान को देखकर अचानक उस पर हमला किया.


वहीं किसान के द्वारा जोर-जोर से  चिल्लाने के बाद आसपास के ग्रामीणों ने आवाज सुन भालूओं को भगाया, लेकिन तब तक भालू किसान के सिर, चेहरे और कमर को गंभीर चोट पहुंचा चुके थे. इसके बाद खून से लथपथ ग्रामीण किसान को एम्बुलेंस की मदद से सुकमा अस्पताल पहुंचाया गया और उसके बाद बेहतर इलाज के लिए जगदलपुर के डीमरापाल अस्पताल रेफर किया गया, जहां  उनका इलाज जारी है और उनकी  हालत काफी गंभीर बनी हुई है. चारों ओर घने जंगलों से घिरे सुकमा जिले में नक्सल समस्या के साथ-साथ जंगली जानवरों का आतंक भी बढ़ता ही जा रहा है.


भालूओं ने किया हमला
यहां के ग्रामीणों को जंगली जानवरों के खतरे से भी हर रोज दो-चार होना पड़ रहा है. वहीं  मानसून के दिनों में जंगली जानवरों का खतरा और भी  बढ़ जाता है. शुक्रवार  शाम को भी सुकमा शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर बेलवापाल गांव के निवासी किसान माड़वी हूंगा अपने घर से फसल देखने के लिए खेत की ओर गए हुए थे और शाम के घर लौटते वक्त अचानक भालुओं का झुंड वहां आ गया और उनको  चारों तरफ से घेर लिया. उसके बाद सभी भालूओं ने माड़वी हूंगा पर हमला कर दिया. हमले के दौरान वो चीखने चिल्लाने लगे,  जिसकी आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण दौड़कर उनके खेत तक पहुंचे. लोगों की भीड़ ने वहां से भालूओ को भगाया.


किसान की हालत गंभीर
इसके बाद आसपास के लोगों ने 108 संजीवनी एंबुलेंस को इसकी सूचना दी. जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची एंबुलेंस से किसान को इलाज के लिए सुकमा जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने घायल का प्राथमिक उपचार किया, लेकिन उनकी बुरी स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए उन्हें बस्तर जिले के  डीमरापाल अस्पताल रेफर कर दिया. डॉक्टर के मुताबिक उनकी स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है. भालुओं ने किसान की कमर, सिर और चेहरे पर काफी गंभीर चोट पहुंचाई है, जिससे उनका काफी रक्त रिसाव हो गया है, हालांकि उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है.


इधर ग्रामीणों का कहना है कि शहर से ही लगे आसपास के इलाकों में लगातार जंगली जानवरों का आतंक बढ़ रहा है, लेकिन वन विभाग के द्वारा इन जंगली जानवरों को शहरी क्षेत्र से दूर भगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है,और ना ही गांव-गांव में मुनादी की जा रही है. इस वजह से जंगल की तरफ मौजूद अपने खेत जा रहे ग्रामीणों को जंगली जानवरों का डर सताने लगा है. वहीं इस घटना के बाद वन विभाग ने ग्रामीणों को शाम के वक्त जंगल और अपने खेतों के तरफ जाने से मना किया है.


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