Chhattisgarh: सुकमा में छह इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर, पूना नर्कोम अभियान से प्रेरित होकर लिया फैसला
Naxal Surrendered in Sukma: छत्तीसगढ़ के सुकमा में तीन साल पहले पूना नर्कोम अभियान शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य युवाओं को रोजगार देना और नक्सलवाद का खात्मा करना था.
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Sukma News: छत्तीसगढ़ में कई इनामी नक्सलियों ने गुरुवार को सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इनपर पांच लाख से लेकर आठ लाख तक के इनाम घोषित थे. इसकी जानकारी सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने दी है. इन नक्सलियों का कहना है कि उन्होंने पुनर्वास नीति और पूना नर्कोम अभियान (नई सुबह, नई शुरुआत) से प्रभावित होकर सरेंडर किया है. कुछ दिन पहले ही एक और इनाम नक्सली ने सुकमा में सरेंडर किया था.
सुकमा में कुल छह नक्सलियों ने सरेंडर किया है जिनमें से माओवादी संगठन के बटालियन में काम कर रहे पति-पत्नी भी शामिल हैं. इन छह में से दो पर 8-8 लाख का इनाम घोषित था तो बाकी चार पर पांच-पांच लाख का इनाम घोषित किया गया था. इन नक्सलियों ने CRPF डीआइजी अरविंद राय, एसपी किरण चव्हाण और एएसपी निखिल राखेचा और डीएसपी उत्तम प्रताप सिंह के सामने सरेंडर कर दिया.
पूना नर्कोम से प्रभावित होकर इन्होंने भी छोड़ा नक्सलवाद का रास्ता
इससे पहले सुकमा जिले में ही बीते सोमवार को दो लाख के इनामी नक्सली ने सुरक्षा बलों के सामने सरेंडर कर दिया था. नक्सली की पहचान मुचाकी जोगा के रूप में हुई है. वह माड़ डिवीजन के प्लाटून नंबर 21 से जुड़ा हुआ था. वह भी पूना नर्कोम अभियान से प्रभावित था. उसने नक्सली नेताओं पर भेदभाव करने के आरोप लगाया था. इसके साथ ही उसने कहा था कि वह हिंसा छोड़कर सामान्य जिंदगी जीना चाहता है. वहीं, रविवार को दंतेवाड़ा जिले में 35 नक्सलियों ने सरेंडर किया था. इनमें एक नाबालिग लड़की और एक 18 वर्ष का लड़का भी शामिल है.
क्या है पूना नर्कोम अभियान
सुकमा में तीन साल पहले पूना नर्कोम अभियान की शुरुआत की गई थी. पूना नर्कोम का मतलब नई सुबह है. इस अभियान का मकसद नक्सलवाद को समाप्त कर प्रभावित इलाके में सुरक्षा के साथ ही विकास करना है. सुकमा में वर्ल्ड ट्राइबल डे के दिन तीन साल पहले इस अभियान की शुरुआत की गई थी. इस अभियान के तहत युवाओं को रोजगार के लिए ट्रेनिंग देने का भी प्रावधान है.
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