Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में ईडी एक्शन पर सुप्रीम टिप्पणी, कोर्ट ने कहा- न पैदा करें डर का माहौल
ईडी की कार्रवाई पर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई . इसमें सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की जांच पर बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि डर का माहौल पैदा न करें.
छत्तीसगढ़ में चुनावी साल में चल रही ईडी की कार्रवाई पर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई . इसमें सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की जांच पर बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि डर का माहौल पैदा न करें. कोर्ट के इस टिप्पणी पर कांग्रेस अपनी जीत मान रही है और छत्तीसगढ़ कांग्रेस ईडी पर लोगों को प्रताड़ित करने का आरोप लगा रही है.
ईडी की कार्रवाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
दरअसल मंगलवार को छत्तीसगढ़ सरकार का सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व कर रहे कपिल सिब्बल ने ईडी की जांच ईडी के अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया है और राज्य में कथित शराब सिंडिकेट घोटाले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फंसाने का आरोप लगाया है. इसके लिए ईडी ने अबकारी विभाग के कम से कम 52 अधिकारियों को ईडी ने सीनियर अफसरों और मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव बनाया गया है. इस लिए अधिकारियों ने ईडी के खिलाफ लिखित शिकायत की है.
कोर्ट ने कहा डर का माहौल पैदा न करें
कपिल सिब्बल ने अपनी दलील में कहा कि ईडी बुरा बर्ताव कर रही है. वे आबकारी अधिकारियों को धमकी दे रहे है. यह हैरान करने वाली स्थिति है. अब चुनाव आ रहे हैं, इसलिए यह हो रहा है. ईडी ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने आरोपों का विरोध किया और कहा कि जांच एजेंसी राज्य में एक घोटाले की जांच कर रही है. इसपर पीठ ने कहा जब आप इस तरीके से बर्ताव करते हैं, तो एक जायज वजह भी संदिग्ध हो जाती है. डर का माहौल पैदा न करें.
सरकार की याचिका पर कोर्ट ने ईडी से जवाब मांगा है
गौरतलव हों की दें पिछले महीने छत्तीसगढ़ सरकार ने पीएमएलए के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसी का इस्तेमाल गैर बीजेपी सरकार को डराने, परेशान करने और सामान्य कामकाज को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है. इस मामले में जस्टिस एस. कौल और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने शराब सिंडिकेट मामले में राज्य सरकार की याचिका पर ईडी से जवाब मांगा है.
2022 में दायर चार्जशीट पर ईडी की कार्रवाई
कोर्ट की टिप्पणी पर एएसजी ने जवाब दिया कि छत्तीसगढ़ में एक बड़ा घोटाला हुआ है जिसका एजेंसी ने खुलासा किया है. इसमें बड़े सरकारी अफसर, प्राइवेट लोग और राजनीतिक व्यक्ति शामिल है. एएसजी राजू ने कहा कि मनी लांड्रिंग का मामला 2022 में दिल्ली के अदलत में दायर चार्जशीट का है. इसपर संज्ञान लिया गया है. एएसजी की दलील पर सिब्बल ने टोका कि दिल्ली कोर्ट ने केवल आयकर से संबंधित अपराधों का संज्ञान लिया और किसी अनुसूचित या विधेय अपराध का कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.जिस पर ईडी मुकदमा चल सकता है.
कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस का बयान सामने आया
इधर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में राज्य सरकार के कुछ लोग भी गए थे. इसकी पूरी जानकारी का इंतजार किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की कार्रवाई और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है. हम बार बार कह रहे है ईडी लोगों को प्रताणित कर रही है. ईडी की कार्रवाई संदिग्ध है. ईडी की कार्रवाई से लग रहा जांच नहीं भय पैदा किया जा रहा है.
बीजेपी ने कहा घोटाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सीधा हाथ है.
दूसरी तरफ कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी के नेता नरेशचंद्र गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मामले में शराब डिस्टिलर के खिलाफ कार्रवाई की बात मान रहे है तो ये साबित होता है की शराब घोटाला हुआ है. ईडी के जांच में जो मिला है वो सही है. भूपेश बघेल अपने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों5 नहीं करती है.जांच एजेंसी ने चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखा है. इसके अलावा मेरा पूरा आरोप है कि घोटाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सीधा हाथ है. ये सिद्ध होता है कि अधिकारियों को घोटाले में कट मिलता था और सारा पैसा भूपेश बघेल के पास जाता था.
शराब घोटाले में ईडी ने अबतक 4 लोगों को गिरफ्तार किया
गौरतलब हो कि ईडी ने शराब में राज्य में 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक रुपए के भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग का दावा किया है. इसमें कांग्रेस के नेता और रायपुर मेयर ऐजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ साथ आबकारी विभाग के बड़े अफसर एपी त्रिपाठी, त्रिलोक सिंह ढिल्लों और नितेश पुरोहित को गिरफ्तार किया गया है. अभी चारों ईडी की कस्टडी में है. वहीं आपको बता दें कि ईडी ने दावा किया है कि राज्य में 2019 से 2022 तक 2 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है.
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