Surajpur: खेल के दौरान फटी फुटबॉल तो बच्चों को दे दी बड़ी सजा! दो दिन तक रखा भूखा, स्कूल अधीक्षक सस्पेंड
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में बच्चों को भूखा रखने का मामला सामने आया है. यह जानकारी तब पता चली जब बच्चों के माता-पिता उन्हें राखी पर घर लेने के लिए स्कूल आए थे.
Surajpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर जिले में स्थित मिशन स्कूल (Mission School) में सजा के तौर पर बच्चों को दो दिनों तक खाना नहीं दिए जाने का मामला सामने आया है. देर रात शिक्षा विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी. आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने मामले को दबाने के लिए ज्यादातर बच्चों को उनके घर वापस भेज दिया. यह मामला प्रतापपुर विकासखंड अंतर्गत राजेंद्र मिशन स्कूल जगन्नाथपुर का है, जहां खेल के दौरान फुटबॉल फट जाने से नाराज अधीक्षक ने दंड के रूप में बच्चों के साथ यह हरकत की.
राखी त्यौहार के लिए मंगलवार की शाम जब कुछ परिजन बच्चों को लेने स्कूल पहुंचे तो मामला उनके संज्ञान में आया. परिजनों ने भूखे बच्चों को बिस्किट खिलाया और मामले की जानकारी स्थानीय लोगों को दी. मामला मंगलवार की रात सोशल मीडिया में वायरल हुआ और जानकारी डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर को मिलने पर उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और देर रात ही स्कूल पहुंच गए.
इन विभागों के अधिकारी पहुंचे स्कूल
सुबह होते ही शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, पुलिस और बाल संरक्षण आयोग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की गई. इस दौरान बीजेपी जिला उपाध्यक्ष लाल संतोष सिंह ने स्कूल प्रबंधन और विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर कारवाई की मांग की. उन्होंने तीन दिन के भीतर कार्रवाई न होने पर आंदोलन की धमकी दी है.
स्कूल प्रबंधन ने अधीक्षक को किया निलंबित
डीईओ सूरजपुर आरएल पटेल ने बताया कि मामले में स्कूल प्रबंधन ने अधीक्षक को निलंबित कर दिया है, विभाग द्वारा जांच किया जा रहा है. शिक्षा विभाग की जांच में छात्रावास में बड़े पैमाने पर अव्यवस्था उजागर हुई. वहीं छात्रावास अधीक्षक ने भी बच्चों को भोजन नहीं देना स्वीकार किया. दो कमरों में संचालित छात्रावास में 21 बच्चों को रखने की मंजूरी है लेकिन छात्रावास में 64 बच्चों को रखा गया है. वहीं 8वीं तक के स्कूल में 9वीं से लेकर 11वीं कक्षा के बच्चे भी मिले. बच्चों से 6500 रुपये वार्षिक शुल्क वसूलने का मामला भी सामने आया.
ये भी पढ़ें- Surguja: बिना जांच किए डॉक्टर ने फोन पर कर दिया रेफर! नवजात की बीच रास्ते ही थम गईं सांसें